World Breastfeeding Week 2022: इन तरीकों से नैचुरली बढ़ेगा मिल्क प्रोडक्शन, साथ ही आपका फिगर भी होगा मेंटेन

कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद पर्याप्त मात्रा में मिल्क प्रोडक्शन (To Boost Milk Production Try These Yoga Asana) नहीं होता है, तो कुछ महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग (Breastfeeding Mother) से अपने फिगर के बिगड़ने को लेकर चिंतित रहती हैं। ऐसी महिलाएं अगर कुछ योगासनों की रेग्युलर प्रैक्टिस करें तो दोनों समस्याओं से राहत पा सकती हैं।
डॉक्टर्स के अनुसार जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक शिशु को ब्रेस्ट फीड (Breastfeeding the baby up to 6 months is considered very important) करवाना बहुत जरूरी माना जाता है। क्योंकि इससे शिशु को सबसे अधिक पोषण मिलता है। लेकिन डिलीवरी के बाद कई महिलाओं में पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क नहीं बन पाता है। ऐसे में महिलाओं को हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है। योगा एक्सपर्ट विकास का कहना है कि आप चाहें तो इसके साथ ही कुछ योगासनों का भी अभ्यास कर सकती हैं। डिलीवरी के बाद डॉक्टर से सलाह लेकर रेग्युलर योगाभ्यास (Regular Yoga Sessions) से ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही अपनी फिगर को भी मेंटेन (Your figure can also be maintained) रखा जा सकता है।
- सेतुबंध आसन (Setu Bandha Sarvangasana)
विधि: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक योग मैट बिछा लें। इस पर पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को थोड़ी दूरी पर रखें। इसके बाद तलवों को मजबूती से जमीन पर रखें। हिप्स, कमर को ऊपर उठाएं। हाथों से अपने पैरों को पकड़ लें। इस स्थिति में आपका सिर, कंधे और तलवे जमीन पर रहेंगे, बाकी पूरा शरीर ऊपर उठा रहेगा। अब 8-10 बार सांस लें। फिर हिप्स को धीरे-धीरे नीचे लाएं। आप इस आसन को 3 बार कर सकती हैं।
लाभ: स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सेतुबंध आसन बहुत लाभकारी होता है। इसके नियमित अभ्यास से मिल्क प्रोडक्शन बढ़ता है। साथ ही महिलाओं की बॉडी भी टोन होती है। यह वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है। पेट की चर्बी को भी बर्न करता है। इसके अलावा सेतुबंध आसन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। यह मासिक धर्म की परेशानियों को भी दूर करता है।
सावधानियां: अगर आपको घुटनों, गर्दन, कंधों में दर्द हो तो इस आसन को करने से बचें। इसके अलावा जिन महिलाओं को हाइपरएक्टिव थायरॉइड की प्रॉब्लम है, उन्हें भी सेतुबंध आसन करने से बचना चाहिए।
- मार्जरी आसन (Marjariasana)
विधि : मार्जरी आसन करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर घुटनों को मोड़कर खड़ी हो जाएं। पैरों की अंगुलियों को जमीन पर रखें। शरीर को सामने की तरफ लाएं, हाथों को जमीन पर घुटनों के बिल्कुल सीध में रखें। अंगुलियां आगे की तरफ होनी चाहिए। अब रीढ़ को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करते हुए सांस लें। फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। आप इस आसन को 3-5 बार कर सकती हैं।
लाभ: महिलाएं प्रसव के बाद इस आसन को भी कर सकती हैं। मार्जरी आसन करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही रीढ़ की हड्डी, पीठ और कमर दर्द में भी आराम मिलता है। मार्जरी आसन करने से बॉडी का पोश्चर बेहतर होता है, बॉडी का फिगर मेंटेन रखने में हेल्प मिलती है।
सावधानियां: अगर आपको पीठ, गर्दन में दर्द रहता है तो इस स्थिति में मार्जरी आसन करने से बचें। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में चोट, घुटनों में दर्द होने पर भी मार्जरी आसन नहीं करना चाहिए।
- चक्रासन (Chakrasana)
विधि : चक्रासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें। अपने दोनों पैरों के तलवों को जमीन पर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों को कंधों के सामने रखें। सांस लेते हुए हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें। फिर अपने पूरे शरीर को एक आर्च बनाने के लिए ऊपर उठाएं। इस अवस्था में कुछ देर रुकें, फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। आप इस आसन को 3-5 बार दोहरा सकती हैं।
लाभ : प्रसव के बाद अधिकतर महिलाओं को बैली फैट की समस्या का सामना करना पड़ता है, ऐसे में चक्रासन करना फायदेमंद हो सकता है। यह फैट को बर्न करता है, इससे बॉडी भी टोन होती है। नियमित रूप से चक्रासन करना ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को भी बढ़ाता है। इस योगासन को करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इससे बॉडी मजबूत और फ्लैक्सिबल बनती है।
सावधानियां: इस आसन को अपनी क्षमतानुसार ही करें। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर आने, पेट में सूजन या हर्निया की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें। साथ ही गर्दन, कमर में दर्द होने पर भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
प्रस्तुति: ममता
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