World Breastfeeding Week 2022: दुनिया के 60% बच्चों को नहीं मिलता मां का पौष्टिक दूध, स्तनपान का महत्व जान रह जाएंगे हैरान

World Breastfeeding Week 2022: दुनिया के 60% बच्चों को नहीं मिलता मां का पौष्टिक दूध, स्तनपान का महत्व जान रह जाएंगे हैरान
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शिशु के विकास के लिए स्तनपान (Breastfeeding) बहुत जरूरी होता है, इसके साथ ही एक मां के लिए अपने बच्चे को स्तनपान कराना उतना ही खुशनुमा अनुभव (Happy Experience) होता है।

वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2022: शिशु के विकास के लिए स्तनपान बहुत जरूरी होता है, इसके साथ ही एक मां के लिए अपने बच्चे को स्तनपान कराना उतना ही खुशनुमा अनुभव होता है। एक बच्चे की अच्छी सेहत के लिए नियमित रूप से स्तनपान करना बहुत अहम होता है। यही कारण है कि बच्चों को स्तनपान कराने पर जोर देने के लिए हर साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। ब्रेस्टफीडिंग वीक (World Breastfeeding Week 2022) की शुरुआत कल से यानी सोमवार 1 अगस्त से हुई थी, यह वीक 7 अगस्त को समाप्त होगा।

विश्व के 60% शिशु ब्रेस्टफीडिंग से हैं वंचित

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के शिशुओं में से लगभग 60 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिनको 6 महीने तक जरूरी ब्रेस्टफीडिंग नहीं मिलती है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्तनपान करने वाले बच्चे ज्यादा बुद्धिमान और फिट होते हैं। इसके अलावा, इन बच्चों में वजन बढ़ने, मोटापे और डायबिटीज से ग्रस्त होने की संभावना ब्रैस्टफीड ना करने वाले बच्चों से काफी कम होती है। नवजात शिशुओं (New Born Babies) के लिए मां का दूध सबसे अच्छा आहार है। इसमें एंटीबॉडी होते हैं जो बहुत सी बीमारियों को रोकने में सहायता करते हैं।

जानें क्या है वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक का इतिहास

स्तनपान का समर्थन करने और लोगों को इसके लिए जागरूक करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (UNICEF) ने 1990 में एक ज्ञापन बनाया था। इसके बाद, 1991 में वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) की स्थापना की गई। अभियान को बढ़ावा देने के लिए 1992 में वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाने लगा। शुरुआत में, लगभग 70 देश इस सप्ताह को मनाते थे, वर्तमान में 170 देशों द्वारा यह वीक मनाया जाने लगा है।

जानिए क्या है वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की थीम

ब्रेस्टफीडिंग वीक के लिए रखी जाने वाली थीम लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं, इस साल (2022) की थीम 'स्तनपान के लिए बढ़ाएं कदम: शिक्षित और समर्थन' है। संगठनों और राष्ट्रों से स्तनपान के लिए सुरक्षा उपाय बनाने का निवेदन करते हुए, यह थीम स्तनपान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद करता है। वहीं अगर बात करें साल 2021 की तो उस वक्त वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2021 की थीम "स्तनपान की रक्षा करें: एक साझा जिम्मेदारी" रखी गई थी। जबकि साल 2020 में "स्वस्थ ग्रह के लिए स्तनपान का समर्थन करें" थीम रखी गई थी।


जानिए क्या है ब्रेस्टफीडिंग का महत्व

  • लोगों को स्तनपान के कई फायदों के बारे में पता होना जरूरी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 3 में से 2 बच्चे स्तनपान नहीं करते हैं। माताओं को अपने बच्चों को जन्म के बाद 6 महीने तक स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है।
  • मां के दूध में पाए जाने वाले एंटीबॉडी शिशु को कीटाणुओं और वायरस से बचाने में मदद करते हैं। छह महीने तक स्तनपान करने वाले शिशुओं में कान के संक्रमण, सांस लेने में तकलीफ या दस्त होने की संभावना बहुत कम या जीरो होती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं में अस्थमा या एलर्जी होने का खतरा भी बहुत कम होता है।
  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक स्तनपान के लाभ केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि माताओं के लिए भी हैं। यह माताओं में स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर के खतरे को कम करता है।

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