World Earth Day 2022: इन टिप्स के साथ मनाए पृथ्वी दिवस, अपने ग्रह को रखें हरा-भरा और खुशहाल

World Earth Day 2022: हर साल 22 अप्रैल को, दुनिया भर में अरबों लोग पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ जुड़ते हैं। इस खास दिन को पृथ्वी दिवस (Earth Day) के रूप में जाना जाता है। पृथ्वी दिवस पहली बार 22 अप्रैल, 1970 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया गया था। आज 193 देशों में लगभग 1 बिलियन लोग पृथ्वी दिवस में भाग लेते हैं और पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। पृथ्वी दिवस संगठन ने आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया है कि पृथ्वी दिवस 2022 का थीम "हमारे ग्रह में निवेश करें" (Invest In Our Planet) है।
पृथ्वी (Earth) का हरा-भरा और खुशहाल होना ही संपूर्ण मानव जाती के जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। हर दिन बढ़ते प्रदूषण और कटते हुए पेड़ों के कारण हमारी पृथ्वी कमजोर होती जा रही है। इस साल पृथ्वी दिवस कुछ खास तरीके से मनाएं और अपनी पृथ्वी को हरा-भरा और खुशहाल रखने का संकल्प ले। यहां हम आपके लिए पृथ्वी को साफ-सुथरा और हरा-भरा बनानें के टिप्स लेकर आएं हैं।
सस्टेनेबल लाइफस्टाइल की ओर बढ़ें
हमें पृथ्वी की स्थिती को देखते हुए अपने लाइफस्टाइल में ढेर सारे बदलाव लानें की जरूरत है। इसके लिए हमें चीजों की रिसाइकलिंग करना, कचरे को कम करना, जैविक, स्थानीय रूप से प्राप्त उत्पादों में परिवर्तित करना, अपनी खपत को कम करना, पर्यावरण के अनुकूल सफाई एजेंटों का उपयोग करना और त्वरित फैशन से बचना सीखना होगा। हमारी अपने ग्रह के प्रति कुछ जिम्मेदारी हैं, जिन्हें पूरी करना बहुत जरूरी है। इन निर्णयों के परिणाम तुरंत दिखाई नहीं देंगे, लेकिन लंबे समय में ये परिणाम काफी अच्छे साबित हो सकते हैं। आइए आज हम एक छोटा सा बदलाव करें जिसका हमारे कल पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।
ग्रीन एनर्जी
भारत बिजली का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे पारंपरिक या गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर हमारी निर्भरता व्यापक है। बढ़ती ऊर्जा मांग ने प्रकृति को बदल दिया है और पर्यावरणीय संपत्तियों की कमी पैदा कर दी है। इस बात को तो बताने की जरूरत नहीं है कोयला जैसे ईंधन एक न एक खत्म हो जाएंगे और उन पर दुनिया की निर्भरता के कारण हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा है। दूसरी ओर सोलर एनर्जी जैसे स्रोतों से बिजली बनाई जा सकती है, जो पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं।
पानी बचाएं
जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों में से सबसे जरूरी पानी है और कहते भी हैं कि जल ही जीवन है। लेकिन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2 बिलियन से अधिक लोग जल-तनाव वाले देशों में रहते हैं, और कहा जा रहा है कि इस समय के साथ इस संकट के और बढ़ने की संभावना है। इसलिए जितना हो सके पानी बचानें का प्रयास करें, अपने घरों में पानी की लीकेज पर नजर रखें और लीकेज होनें पर इसे ठीक कराएं। टूथ ब्रश करते और शेविंग करते समय पानी बंद रखें, जब कपड़े जरूरत से ज्यादा हो तभी वॉशिंग मशीन का प्रयोग, और दिन के ठंडे समय के दौरान अपने पौधों को पानी दें। बाल्टी में बारिश के पानी को इकट्ठा करने, पानी के बर्तनों में फलों और सब्जियों को साफ करने और आपके द्वारा बचाए गए पानी के साथ शौचालय को फ्लश करने जैसे सरल उपाय महत्वपूर्ण अंतर ला सकते हैं।
पेड़-पौधें लगाएं
सूखे शहरों, तबाह हुए वन्यजीवों के आवासों और जंगलों को खत्म करने के बाद पहला सबसे अच्छा काम जो हम कर सकते हैं वो है वृक्षारोपण। वृक्षारोपण अभियान के लिए साइन अप करों, जितनी बार संभव हो पेड़ लगाएं, और यहां तक कि गिफ्ट में अपनों को पोधों दें। जहां जितना संभव हो अपने आस-पास हरियाली रखें और दूसरों को भी वृक्षारोपण के प्रति जागरुक करें।
प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें
प्लास्टिक एक ऐसी चीज है जिसे नष्ट कर पाना लगभग असंभव है। इसके साथ ही ये हमारे महासागरों, लैंडफिल, पहाड़ों और नदियों को प्रदूषित भी कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत हर साल 1.5 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है, लेकिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की कमी के कारण इसमें से केवल एक-चौथाई का ही रिसाइकल होता है। यह समय है कि हम डिस्पोजेबल कॉफी कप, प्लास्टिक कटलरी, स्ट्रॉ और पानी की बोतलों जैसे एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को न कहें। इसके बदले आप रिसाइकल प्लास्टिक का उपयोग करें।
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