World Heart day 2021 : महिलाओं के हार्ट अटैक का कारण बन रही ये बीमारियां, नहीं बरती सावधानी तो...

World Heart day 2021 : महिलाओं के हार्ट अटैक का कारण बन रही ये बीमारियां, नहीं बरती सावधानी तो...
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हार्ट डिजीज (Heart Disease) की पॉसिबिलिटीज उन लोगों में ज्यादा होती है, जो अपनी हेल्थ (Health) को लेकर लापरवाही बरतते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप हार्ट डिजीज से रिलेटेड रिस्क फैक्टर्स के बारे में पूरी जानकारी रखें। साथ ही उन उपायों पर भी अमल करें, जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क कम हो सकता है।

World heart day 2021 Precautions Prevention for Heart Disease : पहले जहां हार्ट डिजीजेज (Heart Disease) का रिस्क मिड और ओल्ड एज की महिलाओं को होता था, अब 30-35 साल की महिलाओं को भी हार्ट प्रॉब्लम हो रही है। इसके पीछे फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिकल कारणों के साथ ही डिस्टर्ब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड हैबिट्स भी जिम्मेदार हैं। इन वजहों से हाइपरटेंशन , कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Level) का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), डायबिटीज (Diabetes) जैसी समस्याएं होती हैं, जो हार्ट प्रॉब्लम्स (Heart Problems) के लिए रिस्क फैक्टर्स हैं।

यह भी होती है वजह

यह भी देखा गया है कि 45-50 की उम्र के बाद (मेनोपॉज के बाद) महिलाओं में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, इस दौरान उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होना इसका प्रमुख कारण है। रक्त धमनियों में एस्ट्रोजन हार्मोंस का लेवल कम होने और ब्लड में मौजूद लिपिड लेवल बढ़ने के कारण महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और हार्ट स्ट्रोक का खतरा रहता है। लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और रेग्युलर हेल्थ चेकअप की मदद से हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स को आप कम कर सकती हैं। इसके लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा।

वेट कंट्रोल करें

मोटापा, हार्ट प्रॉब्लम की एक बड़ी वजह है। इसलिए अगर आपका वजन, आपकी उम्र और लंबाई के अनुसार ज्यादा है तो अपको अलर्ट हो जाना चाहिए। आपको अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अपने वजन से कम से कम 10 प्रतिशत घटाना होगा। ऐसा डाइट कंट्रोल और रेग्युलर एक्सरसाइज से ही संभव है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि जब भूख लगे, तभी खाएं। दिन में 1800 कैलोरी की बजाय 500-1000 कैलोरी ही लें। दिन में 3 बार भरपेट भोजन करने के बजाय 5-6 बार मिनी मील लें। एक बार में 300 ग्राम से ज्यादा ना खाएं और जो भी खाएं धीरे-धीरे चबा-चबाकर खाएं। नाश्ता कभी स्किप ना करें, जंक फूड खाने से बचें। घर का बना खाना ही खाएं। इस तरह आप अपने बॉडी वेट को कंट्रोल कर सकती हैं।

फिजिकली एक्टिव रहें

हेल्दी हार्ट के लिए नियमित एक्सरसाइज या योगा जरूर करें। रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें। एक्सरसाइज में रेग्युलर कार्डियो और स्ट्रेचिंग वर्कआउट शामिल करें। इसके लिए ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, एरोबिक, जुंबा डांस, साइकलिंग, स्विमिंग, ट्रेडमिल स्टेशनरी वॉकिंग करें। ध्यान रखें जो भी एक्सरसाइज करें, शुरू में कम करें जिसे धीरे-धीरे अपने स्टैमिना के अनुसार उसे बढ़ाएं। ब्रिस्क वॉक करना चाहती हैं, तो पहले एक-दो दिन 10-15 मिनट वॉक करें, धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं। इसी तरह जॉगिंग शुरू करने के लिए पहले 20 कदम पैदल चलें, 20 कदम दौड़ें, फिर 20 कदम पैदल चलें।

बॉयोलॉजिकल क्लॉक फॉलो करें

आपको अपने डेली रूटीन को टाइम के अनुसार फॉलो करना चाहिए। समय पर सोना-जागना, समय पर खाना जरूरी है। 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। लेकिन दिन में ना सोएं। इससे शरीर एक्टिव नहीं रहता, जिससे खाना अच्छी तरह हजम नहीं हो पाता। एक्सट्रा मिनरल्स, फैट के रूप में मसल्स में स्टोर होने लगते हैं और इससे मोटापा बढ़ने लगता है। ऐसा ना हो, इसके लिए अपनी बॉयोलॉजिकल क्लॉक को फोलो करना चाहिए।

स्ट्रेस को रखें दूर

हार्ट डिजीज का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है-स्ट्रेस। इसलिए स्ट्रेस से दूर रहें। अगर आपका वर्क शेड्यूल बहुत बिजी है, तो टाइम मैनेज करें ताकि समय पर काम पूरा कर सकें और काम को लेकर किसी तरह का स्ट्रेस ना हो। इसी तरह पर्सनल लाइफ को भी बैलेंस करें। कितना भी बिजी रहें, अपने लिए मी-टाइम जरूर निकालें, यह स्ट्रेस को कम करने का अच्छा तरीका है। मी-टाइम में आप अपने पसंद का काम करें। इस दौरान अपनी हॉबीज जैसे रीडिंग, राइटिंग, डांस, म्यूजिक सुनना, कुकिंग, गार्डनिंग या जो पसंद हो उसे करें। इसके अलावा स्ट्रेस कम करने का एक अच्छा तरीका है, मन की बात शेयर करना। अपनी प्रॉब्लम्स को अपनी फ्रेंड या लाइफपार्टनर के साथ जरूर शेयर करें। इसके साथ ही नशे वाली चीजों से दूर रहें। किसी भी तरह के नशे से भी स्ट्रेस लेवल बढ़ता है।

रेग्युलर मेडिकल चेकअप करवाएं

अक्स महिलाओं को लगता है कि वे हेल्दी दिखती हैं तो उनका हार्ट भी हेल्दी है। यह गलत सोच है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे देश में 26 प्रतिशत लोगों को तब तक पता नहीं चल पाता कि उन्हें ब्लड प्रेशर है, जब तक कि उन्हें हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक जैसी प्रॉब्लम्स नहीं होती हैं। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री वाली हाई रिस्क कैटेगरी में आने वाली महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद रेग्युलर मेडिकल चेकअप करवाना चाहिए। 50 की उम्र के बाद साल में एक बार रूटीन मेडिकल चेकअप सभी महिलाओं को जरूर करवाना चाहिए। कम से कम साल में एक बार होल बॉडी चेकअप जरूर करवाएं, जिससे किसी भी तरह का रिस्क फैक्टर नजर आने पर पहले से ही उपचार किया जा सके।

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