रेमडेसिविर की कालाबाजारी में 3 लोग गिरफ्तार, जरूरतमंदों को इतने हजार में बेच रहे थे एक इंजेक्शन

बिहार (Bihar) में एक ओर तो कोरोना संक्रमण (Corona infection) ने लोगों को बेहाल कर रखा है। दूसरी ओर कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच कुछ लोग अपनी हरकतों से भी बाज नहीं आ रहा है। बिहार राजधानी पटना (Patna) में शनिवार को एक ऐसे ही मामले का पुलिस (Police) ने खुलासा किया। पटना के कंकड़बाग क्षेत्र से ईओयू (EOU) ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Remedycivir injection black marketing) करने के आरोप में तीन और लोगों को अरेस्ट किया है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पूर्व में एक निजी अस्पताल के निदेशक की गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद ईओयू (EOU) ने शनिवार को कंकड़बाग इलाके से तीन और धंधेबाजों को अपनी पकड़ में ले लिया। पकड़ में आए कालाबाजारियों के कब्जे से रेमडेसिविर के तीन इंजेक्शन जब्त हुए हैं। साथ ही आरोपितों के पास से कई एटीएम, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। पकड़ में आए इन आरोपियों की निशानेदही पर कंकड़बाग क्षेत्र स्थित एक और निजी अस्पताल में छानबीन की जा रही है। ईओयू को शक है कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी के तार वहीं से जुड़े हैं। समाचार लिखे जाने तक प्राइवेट अस्पताल में कार्रवाई जारी थी।
जरूरतमंदों को 40 हजार रुपये में बेच रहे थे रेमडेसिविर इंजेक्शन
ईओयू के एडीजी एनएच खान के बताए अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी के आरोप में मैनकाइंड फार्मा कंपनी का एमआर नितिश कुमार (अशोक नगर रोड न.1 सी), अमित कुमार (चांदमारी रोड न.-8) और एक न्यूज पोर्टल में एचआर के तौर पर काम करने वाला भाष्कर पाठक ( चांदमारी रोड न.-8) को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इनके कब्जे से 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद हुए हैं। पूछताछ में तीनों आरोपितों ने ईओयू को बताया कि ये 40 हजार रुपए में एक रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते थे। इनके कब्जे से न्यूज पोर्टल का स्टिकर लगी दो बाइक, क्रेडिट कार्ड, कई एटीएम और मोबाइल फोन मिले हैं।
निजी अस्पताल में चल रही कार्रवाई के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर भी हैं मौजूद
ईओयू की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। दो संदिग्ध लोगों के नाम सामने आए हैं। जिसमें से एक निजी अस्पताल का निदेशक भी शामिल है। उसी के कंकड़बाग स्थित अस्पताल में ईओयू की टीम छानबीन की जा रही है। ईओयू की टीम के साथ वहां पर ड्रग इंस्पेक्टर भी मौजूद हैं। ये बात की भी जांच की जा रही है कि उक्त अस्पताल को कितने रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए और जो इंजेक्शन आरोपितों के कब्जे से मिले हैं। वो इंजेक्शन उसी प्राइवेट अस्पताल को आवंटित किए गए थे। इसको लेकर गहन जांच-पड़ताल चल रही है। जल्द ही इस खेल में कई हाईप्रोफाइल नाम भी जुड़ सकते हैं। तीनों आरोपितों को कंकड़बाग पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
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