महिलाओं के मासिक धर्म के कठिन दिनों की तकलीफें हो जायेंगी कम, महिला वार्ड सदस्यों ने की ये पहल

बिहार के आठ जिलों में इस महीने 40 सेनेटरी पैड बैंक खुलने जा रहे हैं। जिससे किशोरियों और महिलाओं को मासिक धर्म के कठिन दिनों के बीच की तकलीफों को कम करने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि सूबे में इन सेनेटरी पैड बैंक को महिला वार्ड सदस्यों की पहल और मदद से खोला जा रहा है। प्रत्येक जिले में 5-5 सेनेटरी पैड बैंक खुलेंगे और ये जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जायेंगे।
जानकारी के अनुसार सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना पंचायत स्तर पर किशोरी समूह के द्वारा की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म के कठिन दिनों के समय स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। गांवों में अब भी किशोरी व महिलाएं मासिक धर्म के दौरान गंदे कपड़े का उपयोग करती हैं। इस वहज से महिलायें और किशोरियां विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार बन जाती हैं। जानकारी के अनुसार 58 प्रतिशत महिलाएं और किशोरियां मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के लिए सेनेटरी पैड का उपयोग करती हैं। ये आंकड़े राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट के बाद सामने आये हैं। कई किशोरी और महिलायें बाजार में सेनेटरी पैड की कीमत ज्यादा होने की वजह से नहीं खरीद पाती हैं। ऐसी महिलाओं और किशोरियों के लिये इन बैंक में सस्ती दरों पर यह सेनेटरी पैड उपलब्ध होगा।
इन सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना से गामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा और साथ ही किशोरियों को समय पर सेनेटरी पैड बैंक भी उपलब्ध हो जायेगा। किशोरी पंचायत की युवतियों ने चैम्पियन महिला वार्ड सदस्य की मदद एवं 30 रुपये के स्वैच्छिक सहयोग से महावारी के समय स्वच्छता संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सेनेटरी पैड बैंक खोले हैं। सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना सेंटर फॉर कैटेलाइज़िंग चेंज के द्वारा कराया गया है। सेनेटरी पैड बैंक के लिए 3 महीने का सेनेटरी पैड, ताला, बक्सा, रजिस्टर, बैनर, आदि) के अलावा 6 महीने महिलाओं को प्रशिक्षित भी दिया जायेंगा। साथ ही सेंटर फॉर कैटेलाइज़िंग चेंज द्वारा सेनेटरी पैड बैंक संचालित करने के लिए आर्थिक मदद भी करेगा।
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