Bihar Assembly Elections 2020: बिहार से दिल्ली पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अजय कपूर ने बनाई चुनावी रणनीति

बिहार में चुनावी हलचल हो और दिल्ली तक उसकी धमक ना पहुंचे। ऐसा हो नहीं सकता है। सूबे में चल रही विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच बिहार कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे हैं। जहां प्रदेश प्रभारी अजय कपूर ने बुधवार को बिहार से आये पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मुलाकात की। जिसकी जानकारी बिहार प्रभारी अजय कपूर ने ट्वीट के माध्यम से दी है। अजय कपूर ने बताया कि मुलाकात के दौरान बिहार पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। जानकारी है कि बिहार से दिल्ली पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता अपने साथ दस्तावेज भी लेकर पहुंचे हैं। अटकलें हैं कि वे इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को भी पुख्ता करने का प्रयास करेंगे।
आपको रोजगार चाहिये तो बिहार से करना पड़ेगा पलायन: अखिलेश प्रसाद सिंह
बिहार कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसाद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर सूबे की एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार की रूप रेखा को इस तरह से बदल गई है। बिहार में सिर्फ वही व्यक्ति रह सकता है। जो केवल और केवल बेरोजगार हो। यादि आपको रोजगार चाहिए तो अपको बिहार से पलायन करना होगा। अन्य राज्यों में जाकर दर दर की ठोकरें खानी पड़ेंगी। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि क्योंकि बिहार सरकार यहां रोजगार ही नहीं देती है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार सिर्फ बिहार की जनता को झूठे वादों का अम्बार देती है।
अन्य ट्वीट में अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार के लिये लगातार हो रही सौगातों की घोषणाओं पर सवाल उठाया है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि चुनाव आते ही बिहार में योजनाओं का शिलान्यास शुरू हो गया है। साथ ही बिहार के लोगों को हजारों करोड़ों रुपये की सौगात मिलने लगी है। लेकिन जिन योजनाओं का शिलान्यास हो चुका है। वो अपनी बदहाली की गवाही दे रही है।
कविता के माध्यम से किसानों का दर्द किया उजागर
कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक और अन्य ट्वीट में कविता लिखकर किसानों के दर्द को उजागर किया है। कांग्रेस नेता ने लिखा कि राजनीती चमकाते बस अपनी, यहां बर्बाद होती फसल। डूबा हुआ हूं कर में, क्या ब्याज क्या असल। उन्हें खिलाने को उगाया दाना, पर हो गया मेरी ही जमीं से अनजाना। बहुत गीत बने बहुत लेख छपे की मैं महान हूं, पर दुर्दशा न देखी मेरी किसी ने, ऐसा मैं किसान हूं!
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