भगत सिंह जयंती: संजय कुमार झा ने लिखा- 'दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी'

बिहार समेत देशभर में 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें याद किया जा रहा है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को गांव बंगा, जिला लायलपुर, पंजाब जो 'वर्तमान में पाकिस्तान में' हुआ था। भगत सिंह के पिता का नाम सरदार किशन सिंह व माता विद्यावती कौर थी। इनका परिवार खेती का कार्य करता था। अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 में हुये जलियांवाला बाग हत्याकांड से भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव पड़ा था। इसके बाद भगत सिंह ने अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत की आज़ादी के लिये अंग्रेजों से लड़ने का फैसला किया। भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत के लिये स्वतंत्रता की जंग लड़ते हुये अंग्रेजों को लोहे के चने चबा दिये। इन्होंने पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या व उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ खुले विद्रोह का एक तरह से ऐलान कर दिया। भगत सिंह ने संसद में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप इन्हें 23 मार्च 193 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु व सुखदेव के साथ अंग्रेजों ने इन्हें फांसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके प्राणों की आहुति को बड़ी गंभीरता से लिया।
बिहार के जल संसाधन मंत्री एवं जदयू नेता संजय कुमार झा ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर उनको नमन किया है। संजय कुमार झा ने ट्वीट के माध्यम से भगत सिंह के नारे 'दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी' को लिखकर याद किया है। संजय कुमार झा ने अपने संदेश में लिखा कि अपने क्रांतिकारी विचारों से करोड़ों देशवासियों में स्वाधीनता की अलख जगाने वाले अमर शहीद भगत सिंह जी के विचार हम देशवासियों को सदा-सर्वदा प्रेरित करते रहेंगे। शहीद भगत सिंह की जयंती पर कोटिश: नमन।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री एवं भाजपा नेता नंद ट्वीट के जरिये शहीद भगत सिंह को नमन किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि मां भारती के वीर सपूत, महान शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें सादर नमन, कोटि-कोटि प्रणाम। मातृभूमि के लिए शहीदे आजम भगत सिंह जी का प्यार व बलिदान असाधारण एवं वन्दनीय है़। देश भगत सिंह के बलिदान का सदा ऋणी रहेगा।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर याद किया है। जयसवाल ने अपने संदेश में कहा कि 'दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी'। मां भारती की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देने वाले 'अमर शहीद' भगत सिंह जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन।
बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने भी ट्वीट के माध्यम से शहीद भगत सिंह को नमन किया है। गोहिल ने लिखा कि अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हंसते हंसते फांसी का फंदा चूमकर अपने प्राणों की आहुति देने वाले मां भारती के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगतसिंह जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन।
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