Bihar Assembly Elections 2020: पिछली बार से भी ज्यादा हो रहा धनबल का इस्तेमाल, अब तक 35.26 करोड़ रुपये जब्त

Bihar Assembly Elections 2020: पिछली बार से भी ज्यादा हो रहा धनबल का इस्तेमाल, अब तक 35.26 करोड़ रुपये जब्त
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Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चुनाव के दौरान इस बार पिछली बार से भी ज्यादा धनबल के इतेमाल होने की जानकारियां मिल रही हैं। इस धन का उपयोग लोगों को प्रलोभन दिये जाने के लिये किया जा रहा है। बताया जाता है बीते 19 अक्टूबर तक बिहार में 35.26 करोड़ रुपये जब्त किये जा चुके हैं।

Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में विधानसभा चुनावों के प्रचार-प्रसार के दौरान एक ओर तो जबरदस्त सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर चुनाव के दौरान धनबल का भी उपयोग किये जाने की प्रयास की भी खबरें सामने आ रही हैं। जानाकरी के मुताबिक इस धन का उपयोग किसी जगह तो लोगों को प्रलोभन देने के उद्देश्य से, किसी जगह शराब एवं दूसरी अन्य सामग्रियां बांट के लिये उपयोग होने की आशंकायें हैं। इसके आलावा सूबे में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए लगाई गई टीमों इस वर्ष में बीते 19 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त कर चुकी हैं। बिहार में विधानसभा के चुनावों के दौरान लोगों को प्रलोभन देने के लिये नेपाली करेंसी भी बांटी जाने की बातें सामने आ रही हैं। इस दौरान सूबे में 79.85 लाख की नेपाली करेंसी भी जब्त हो चुकी है। ऐसी संभावना जाहिर की जा रही है कि नेपाल से सटे बिहार के जिलों में नेपाली धन बांटा गया है। बिहार में साल 2015 के विधानसभा चुनावों में इस दौरान चुनाव खर्च निगरानी टीमों द्वारा कुल 23.81 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इस बार के चुनावों में पिछली बार से ज्यादा धनबल का इस्तेमाल हो रहा है।

चुनाव आयोग की जानकारी के अनुसार बिहार में काले धन पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षक की ड्यूटी पर लगाये गये हैं। चुनाव आयोग द्वारा बिहार में इस बार पूर्व-आईआरएस मधु महाजन व बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार बिहार में चुनावी खर्च को लेकर 91 विधानसभा सीटों के क्षेत्रों को संवेदनशील के रूप में पहचाना गया है। बताया जाता है कि बिहार में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए 881 उड़न-दस्तों व 948 स्टेटिक सर्विलांस टीमों को तैनात किया गया है। चुनाव आयोग ने चुनावी व्यय संबंधी निगरानी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बिहार के अलावा पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं। आपको बता दें, कानूनी तौर पर चुनावी प्रक्रिया के दौरान नकद व उपहार बांटे जाने की अनुमति नहीं है।

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