Bihar Assembly Elections 2020: कोरोना फ्री वैक्सीन मामले पर जारी सियासत थमी, आयोग ने नहीं माना आचार सहिंता का उल्लंघन

Bihar Assembly Elections 2020: कोरोना फ्री वैक्सीन मामले पर जारी सियासत थमी, आयोग ने नहीं माना आचार सहिंता का उल्लंघन
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Bihar Assembly Elections 2020: कोरोना वायरस फ्री वैक्सीन मामले को लेकर जारी सियासत पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। भाजपा द्वारा अपने घोषणा पत्र में कोरोना फ्री देने का वायदा शामिल किया है। जिसको चुनाव आयोग ने चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है।

Bihar Assembly Elections 2020: कोरोना संक्रमण के फ्री वैक्सीन मामले को लेकर बीते कई दिनों से जारी राजनीति पर फिलहाल चुनाव आयोग ने ब्रेक लगा दिया है। आपको बता दें, भारतीय जनता पार्टी 'भाजपा' की ओर से बीते दिनों बिहार विधानसभा चुनावों के लिये घोषणा पत्र जारी किया गया था। भाजपा के घोषणा पत्र को जारी करते वक्त केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि बिहार के लोगों को कोरोना का मुफ्त वैक्सीन दिया जायेगा। वहीं निर्मला सीतारमण ने बताया था कि कोरोना महामारी के वैक्सीन को तैयार कराये जाने की ओर कार्य चल रहा है। कोरोना वैक्सीन तैयार हो जाने के बाद बिहार के लोगों को फ्री दिया जायेगा। मामले को लेकर तमाम विरोधी दलों ने नाराजगी जाहिर की थी। इससे अलावा जब से ही मामले पर राजनीति हो रही थी। उसी दिन युवा कांक्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने तो ये तक कह दिया था। कि केंद्र सरकार बिहार को कोरोना वैक्सीन मुफ्त देगी और बाकी देश से खुलकर पैसा वसूलेगी।

इस मामले को लेकर बीते सप्ताह चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। शिकायत में कोरोना वैक्सीन मुफ्त देने के वायदे को चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया था। आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले द्वारा चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की गई थी। चुनाव आयोग ने साकेत गोखले की शिकायत पर मामले की जांच की। फिर चुनाव आयोग ने बताया कि यह मामला चुनाव की आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले को मामले का जवाब भेजा गया है। जिसमें आयोग ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में में कोई ऐसा वादा नहीं होना चाहिए। जो वायदा भारतीय संविधान की भावना के प्रतिकूल हो। इसके अलावा ऐसा कोई वादा नहीं होना चाहिये जो चुनाव की पवित्रता के अधिकार को प्रभावित करता हो। चुनाव आयोग ने कहा कि इन नियमों के तहत पर यह केस आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का नहीं बनता है।

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