बिहार : बच्चों के घरों में नहीं 'भोजन की व्यवस्था', मेंढक पकड़ कर खाने के लिये हो रहे मजबूर, कांग्रेस ने उठाये सवाल

बिहार कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकांउट से रविवार को वीडियो जारी कर बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे 'बदलते बिहार' के दावों की पोल खोली गई है। जारी वीडियो में कई बच्चे बिना कपड़ों के बड़ी दननीय हालातों में दिखाई दे रहे हैं। बच्चे बता रहे हैं कि बिहार में सरकार द्वारा स्कूल बंद कर दिये गये हैं। इसलिये वे पिछले काफी दिनों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस की वजह से पूरे बिहार में भी काम - काज ठप्प है। जिसकी वहस से उनके परिजनों के पास कोई काम-धाम नहीं है।
जिससे कि वे अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाने के लिये कुछ कमा कर ला सकें। वहीं बच्चों द्वारा भी वीडियो में दावा किया जा रहा कि उनके घरों में पिछले चार - पांच दिनों से भोजन पकाये जाने के लिये चावल और दाल समेत अन्य सामग्रियों की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे कि उन बच्चों के घरों में पेट की भूख मिटाने के लिये भोजन तैयार किया जा सके। वर्तमान में कोरोना वायरस की वजह से स्कूल भी बंद चल रहे हैं। जिससे कि वे वहां मिलने वाले मिडडे-मिल से अपना पेट भर सकें।
बच्चों द्वारा बताया जा रहा है कि वे पिछले कई दिनों से मेंढकों को पकड़ते हैं। फिर उनको छीलते हैं। इसके बाद उस मेंढक के शरीर में लकड़ी उलेड़कर उसको आख पर भूनते हैं। फिर उसके बाद उसको खाकर अपने पेट की भूख मिटा लेते हैं। बच्चों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि वे प्रतिदिन अपना पेट भरने लायक मेंढ़क पकड़ ही लेते हैं।
बिहार कांग्रेस ने मामले को लेकर बिहार की सरकार पर सवाल उठाये हैं। बिहार कांग्रेस ने कहा कि सूबे में बच्चे मेंढक खाने पर मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि सरकार बच्चों के लिये पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने में विफल रही है।
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