अपराधी का अब कहीं भी छिप पाना होगा मुश्किल, पुलिस अधिकारियों और सरकार ने बनाया ये बुलेट प्रूफ प्लान

बिहार के आपराधिक आंकड़े (Bihar criminal statistics) अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) के साथ जुड़ने जा रहे हैं। अब कह सकते हैं कि प्रदेश में जितने भी क्राइम (Crime) होते हैं। उसकी सूचना देश के अन्य राज्यों के साथ तुरंत शेयर की जाएगी। बिहार का कोई भी अपराधी यदि वह अंतरराज्यीय है तो फोटो के साथ एक क्लिक पर अन्य राज्यों में उसके क्राइम की पूरी सूचना पुलिस के पास रहेगी। यदि कोई गुमशुदा होता है। कोई शव मिलता है तो फोटो के साथ क्लिक करने पर दूसरे राज्यों के साथ तुरंत सूचना का मिलान होगा और उसकी पूरी जानकारी बिहार पुलिस (Bihar Police) के पास पहुंच जाएगी।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP SK Singhal) की अगुवाई और अपर पुलिस महानिदेशक कमल किशोर सिंह के समन्वय में दिल्ली से पटना (Patna) पहुंचे एनसीआरबी के निदेशक रामफल पवार (NCRB director Ramphal Pawar) व अन्य अधिकारियों के साथ पुलिस मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बिहार में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) को लेकर बैठक हुई। बैठक में एनसीआरबी के अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बिहार को जल्द ही नये सॉफ्टवेयर मुहैया कराए जाएंगे।
पटना स्थित पीरबहोर थाने में देखा गया काम
बैठक के अलावा एनसीआरबी के अफसरों ने पटना स्थित पीरबहोर थाने में जाकर सीसीटीएनएस के तहत किये गए कार्यों को देखा। सीसीटीएनएस के मद्देनजर थानों से लेकर ऑनलाइन कोर्ट तक प्राथमिकी, चार्जशीट से लेकर अन्य पेपर के आदान- प्रदान आदि कार्यों को देखा गया। साथ ही अरवल के थानों के कार्यों को ऑनलाइन के जरिए एनसीआरबी के अधिकारियों द्वारा देखा गया। जानकारी के अनुसार बैठक की शुरुआत में पुलिस मुख्यालय की ओर से सीसीटीएनएस के तहत किये गये कार्यों का पॉवर प्वाइट प्रजेंटेशन किया गया। इसके बाद एनसीआरबी के अफसरों द्वारा नए साफ्टवेयर के बारे में जानकारी साझा की गई। याद रहे पटना के 72 थानों में सीसीटीएनएस का कार्य किया जा रहा है।
जुलाई तक हर थाने में सीसीटीएनएस सुविधा होगी उलब्ध
बताया जा रहा है कि पुलिस महकमा एक अगस्त से बिहार के सभी थानों में पोर्टल लांच करने की योजना पर कार्य कर रहा है। जिसमें आम जनता से संबंधित नौ सुविधाएं ऑनलाइन होंगी। पहली सुविधा के तहत आम लोग थानों में ऑनलाइन शिकायत कर सकेंगे। यदि शिकायत एफआईआर में बदलती है तो ऑनलाइन केस ट्रैकिंग की सुविधा होगी। अब जुलाई के अंत तक बिहार के सभी 1094 थानों के लिए सीसीटीएनएस यह सुविधा लागू हो जाएगी। राज्य भर में इस योजना पर करीब 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
राज्य में 2018 में शुरू हुई थी योजना
आपको बता दें बिहार में सीसीटीएनएस योजना की शुरुआत सितंबर 2018 हुई थी। पहले चरण में राज्य के 894 थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो गया है। मार्च मध्य में ही सीसीटीएनएस कार्य पूरा कर लिया गया है। अब पुलिस मुख्यालय की ओर से दूसरे चरण के तहत 162 थानों में सीसीटीएनएस के तहत कार्य की शुरुआत कर दी गई है।
अग्रणी राज्यों में शामिल होगा बिहार
वहीं एनसीआरबी निदेशक रामफल पवार ने बताया कि सीसीटीएनएस के तहत बिहार में काफी कार्य हुआ है। जिससे पुलिसिंग को काफी मदद मिलेगा। इसके लिए हमारी ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
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