बाबा रामदेव की बढ़ेंगी मुश्किलें! आईएमए ने इस राज्य के 50 थानों में एफआईआर दर्ज कराने की योजना बनाई

बाबा रामदेव की समस्याएं (Baba Ramdev problems) कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की बिहार (Bihar) में कठिनाइयां बढ़ने वाली है। याद रहे बाबा रामदेव ने एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर विवादित बयान (Ramdev controversial statement) दिया था। जिसके बाद से आईएमए का गुस्सा बाबा रामदेव के खिलाफ कम होता नजर नहीं आ रहा है। दिल्ली (Delhi) से शुरू हुई यह जंग अब बिहार में भी पहुंच गई है। बाबा रामदेव के खिलाफ बिहार आईएमए ने एक साथ 50 थानों में एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार इसके लिए आईएमए ने सभी ब्रांच के सदस्यों को तैयार कर लिया है। आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. बिमल कारक ने बताया कि बाबा रामदेव के खिलाफ एक-एक कर सभी थानों में एफआईआर (FIR) कराई जाएगी। जानकारी के अनुसार आईएमए ने सभी थानों में बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज कराने की योजना तैयार की है।
बाबा रामदेव पर एलोपैथ को लेकर भ्रम फैलाने वाला बयान देने का है आरोप
आईएमए बिहार (IMA Bihar) के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, राज्य सचिव डॉ. सुनील कुमार ने बैठक में कहा कि रामदेव द्वारा एलौपेथ, कोरोना वैक्सीनेशन और कोरोना दवाओं के खिलाफ भ्रम फैलाने वाला बयान दिया है। बाबा रामदेव ने कोविड शहीदों का भी अपमान किया है। इस कारण यह निर्णय लिया गया है कि बिहार राज्य में आईएमए ब्रांच के अलग-अलग सदस्य बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर कराएंगे।
बाबा रामदेव का विवादित बयान
याद रहे बाबा रामदेव ने एक बयान में दावा करते हुए कहा था कि कोरोना के इलाज में उपयोग की गईं रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और डीजीसीआई (DGCI) से अप्रूव दूसरी ड्रग्स की वजह से लाखों लोगों की मौत हुई है। इस पर आईएमए (IMA) उत्तराखंड ने लीगल नोटिस भेजकर लिखित रूप से माफी मांगने और ऐसा न करने पर 1000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी। वहीं नेशनल यूनिट ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से रामदेव के खिलाफ केस चलाने की मांग की थी।
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