अब घर बैठे जान सकेंगे कोर्ट में चल रहे अपने मुकदमों के पूरा अपडेट, सूबे में ई-सेवा केंद्र हुए शुरू

अब घर बैठे जान सकेंगे कोर्ट में चल रहे अपने मुकदमों के पूरा अपडेट, सूबे में ई-सेवा केंद्र हुए शुरू
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बिहार में अब दूर-दराज के क्षेत्र में निवास करने वाले लोग भी ई-सेवा केंद्रों के माध्यम से अपने मुकदमों के बारे में जानकारियां हासिल कर लिया करेंगे। फिलहाल बिहार में पटना हाईकोर्ट, पटना सिविल कोर्ट व मसौढ़ी कोर्ट से ई-सेवा केंद्र का आगाज किया गया है। भविष्य में बिहार में ई-सेवा केंद्रों की शुरुआत होगी।

बिहार (Bihar) राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों (Remote rural areas) में निवास करने वाले लोग भी अब अपने घरों में बैठकर ही अपने मुकदमों के बारे में पूरी सूचनाएं हासिल कर लिया करेंगे। इसके लिए बिहार में ई-सेवा केंद्रों का आगाज (Inauguration of e-seva centers in Bihar) हो चुका है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने (Supreme Court Judge Dr. D.Y. Chandrachud) मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) समेत तीन ई-सेवा केंद्रों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट, पटना सिविल कोर्ट (Patna Civil Court) व मसौढ़ी पंचायत के लखनौर गांव में ई-सेवा केंद्र का आगाज हो चुका है।

इस मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में हम सभी ने इस प्रकार की समस्याओं का सामना किया है। इस दौर में विभिन्न लोग अपना बहुत कुछ खो चुके हैं। लेकिन इन सभी चुनौतियों से लड़ते हुए हम सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना है। उन्होंने बताया कि कागजी तामझाम से वॉयकाट करके तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया का निपटारा करने पर आगे बढ़ना है। इस लक्ष्य के मद्देनजर देशभर में ई-सेवा केंद्रों की स्थापनाएं हो रही हैं। चंद्रचूड़ ने बताया कि बिहार में वर्तमान में तीन ई-सेवा केंद्रों का आगाज कर दिया गया है। भविष्य में बिहार के अन्य जिलों में भी ई-सेवा केंद्रों को स्थापित कर दिया जाएगा। जिससे राज्य के आम नागरिक भी आसानी से न्याय सुलभ हो सके।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि गत 30 सालों से बिहार की विभिन्न अदालतों में 1004 सेशंस केस लंबित पड़े हैं। वहीं दरभंगा की अदालत में एक मामला भी है। जिसको करीब पिछले 69 वर्षों से सुनवाई का इंतजार है। वहीं मोतिहारी के सीजेएम कोर्ट में भी एक मुकदमे को बीते 48 वर्षों से सुनवाई का इंतजार है। गत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान बिहार की निचले कोर्ट में कुल 5.4 लाख मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 2.37 लाख का निपटारा हो चुका है। उस दौरान चंद्रचूड़ ने कहा कि इन बातों का जिक्र वो बिहार का उपहास उड़ाने के लिए नहीं, बल्कि वो इनका उल्लेख कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इन मामलों का सही तरीके से निपटारा हो पाए।

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