नीतीश सरकार ने पिछड़ा-अति पिछड़ा निदेशालय के गठन को मंजूरी दी, अब होगा दोनों वर्गों का उत्थान

नीतीश सरकार ने पिछड़ा-अति पिछड़ा निदेशालय के गठन को मंजूरी दी, अब होगा दोनों वर्गों का उत्थान
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बिहार में जल्दी ही पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय का गठन होगा। नीतीश सरकार ने इसको मंजूरी दे दी है। यह निर्णय पिछड़ा-अति पिछड़ा दोनों वर्गों के उत्थान व विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

बिहार सरकार (Bihar Government) राज्य में जल्द ही पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय (Directorate of Backward and Most Backward Classes Welfare) का गठन करने जा रही है। नीतीश सरकार ने इसको मंजूरी दे दी है। वही पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस निदेशालय के गठन के बाद पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्गों के कल्याण की योजनाओं को जमीनी स्तर तक लेकर जाने में आसानी होगी। प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर विशेष फोकस करने के लिए कल्याण विभाग से अलग कर विशेष विभाग का गठन किया गया है। निदेशालय के जरिए से योजनाओं को बेहतर तरह से संचालित करने में आसानी होगी। विभागीय योजनाओं को चलाने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों व और कर्मचारियों की तैनाती के साथ ही निदेशालय का कार्य प्ररारंभ हो जाएगा।

योजनाओं की होगी कड़ी निगरानी

दोनों वर्गों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं से अपेक्षित लाभ के लिए निदेशालय स्तर से इनकी बेहतर तरीके से निगरानी की जा सकेगी। वक्त-वक्त पर होने वाली निगरानी से योजनाओं को बेहतर किया जा सकेगा। वर्तमान में क्षेत्रीय ऑफिस में लिपिक के पद पर स्थानीय समाहरणालय के कर्मी ही काम करेंगे। वैसे ये कर्मचारी संबंधित डीएम के नियंत्रण में ही होंगे। निदेशालय एवं दूसरे ऑफिसों में नियुक्ति प्रोसेस के लिए नियमावली पूर्व से ही तय है। प्रदेश सरकार जल्द ही इनकी नियुक्ति प्रोसेस की पहल भी करेगी।

संस्कृत शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष भारती मेहता ने मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) द्वारा पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग की विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अलग निदेशालय के गठन करने के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया गया है। उन्होंने कहा है कि ये निर्णय इन दोनों वर्गों के उत्थान व विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त भी किया। वहीं इस निदेशालय को संचालित करेन के लिए अफसरों व कर्मियों के 446 पदों को भी मंजूर किए गए हैं। इसमें 26 पद निदेशालय स्तर के लिए हैं व बाकी के 420 पद क्षेत्रीय ऑफिसों के लिए हैं। जिनमें जिला स्तर पर सहयोग देने वाले कर्मी भी शामिल हैं।

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