बिहार में फिर बढ़ सकता है लॉकडाउन, नई कोरोना गाइडलाइन में मिल सकती हैं कई छूट

कोरोना वायरस (Corona virus) को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अब बिहार सरकार (Bihar Government) बड़ा कदम उठाने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश सरकार (Nitish Government) बिहार (Bihar) में एक बार फिर से 7 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को बढ़ा सकती है। बिहार सरकार आगामी 8 जून तक प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर निर्णय ले सकती है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर अंतिम निर्णय कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक (Corona Crisis Management Meeting) में लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस बार लागू होने वाले लॉकडाउन में नियम पूरी तरह से बदल जाएंगे। कई पाबंदियों को हटाया जा सकता है। साथ ही इस दौरान आम लोगों को कुछ छूट भी दी जा सकती हैं।
जानकारी के मुताबिक इसको लेकर राज्य के सभी जिलों के डीएम से फीडबैक लिया गया है। वहीं मंत्रियों व प्रधान सचिवों ने भी राज्य में लॉकडाउन को बढ़ाने के संबंध में अपने विचार रखे हैं। बिहार सरकार का मानना है कि लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर कोरोना संक्रमण के आंकड़ा को शून्य की ओर पहुंचाया जा सकता है।
दूसरी ओर इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर ही बिहार में पंचायत चुनाव टल गए हैं। समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो पाने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छिन जाएंगे या बरकरार रहेंगे। इसको लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। वैसे ये जानकारी जरूर मिल रही है कि इस पर मंथन जारी है। राज्य सरकार इससे जुड़े सभी पहलुओं व कानूनी पक्षों पर गहन विचार-विमर्श कर रही है। यह खबर भी सामने आ रही है कि बिहार सरकार जल्द ही इस पर अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ा दिया जाए।
वैसे बिहार में वैधानिक परिस्थिति पैदा हो गई है। इस पर पार पाने के लिए पंचायती राज अधिनियम में कोई ठोस प्रावधान नहीं है। इस स्थिति में सरकार के पास अब सिर्फ एक विकल्प अध्यादेश लाने का ही बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर विधि विभाग से कानूनी पहलुओं पर विमर्श हो रहा है कि आगे क्या कदम उठाए जाएं? याद रहे कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए बिहार मे लॉकडाउन लागू है। इस स्थिति में विधानसभा सत्र भी बुलाना मुमकिन नहीं है। यदि ऐसा नहीं होता है तो पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने से संबंधित कोई कानून भी विधानसभा से पास करवा पाना संभव नहीं है। इस स्थिति में राज्य सरकार इस मसले पर अध्यायदेश ला सकती है।
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