बिहार में सुशासन बाबू ने 'शराबबंदी' पर कड़े किए ये नियम-कानून, अब थानेदार की नहीं चलेगी थानेदारी

बिहार (Bihar) की नीतीश सरकार (Nitish Govt) ने राज्य में शराबबंदी (Bihar liquor prohibition law) को जारी रखने का फैसला समीक्षा बैठक में लिया है। शाम को खत्म हुई बैठक में सरकार ने कई फैसलों पर मुहर लगाई और शराबबंदी को राज्य में पूरी तरह से लागू करने के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है और साथ ही बड़े अधिकारियों के लिए फरमान जारी कर दिया है। इसमें अब पुलिस स्टेशन वाले इलाके में शराब जब्त होने पर थानेदार पर ही कार्रवाई होगी।
अधिकारियों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शराबबंदी पर समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसला किया है कि राज्य में शराबबंदी लागू रहेगी। शराब के लिए लगातार छापेमारी की जाएगी। वहीं इसके लिए जिला स्तर पर अभियान भी चलाया जाएगा। सरकार ने बैठक में कहा कि पाबंदी के बावजूद स्थानीय थानेदार और चौकीदार के इलाके से शराब बरामद होती है तो थानेदारी तो जाएगी साथ ही सीधी भूमिका होने पर 10 सालों तक थानेदारी भी नहीं मिलेगी। अगर कोई सरकारी कर्मचारी इसमें लिप्त पाया जाता है तो उस पर भी कार्रवाई होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने कहा कि कॉल सेंटरों पर आने वाले फोन कॉल पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। जिलों के प्रभारी मंत्रियों को शराबबंदी की समीक्षा का अधिकार दिया गया है, इसके खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। शराब बरामद होने पर एसएचओ को सस्पेंड किया जाएगा। एसएचओ की शिकायत मिलने पर 10 साल से थाने से वंचित रहना होगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS