बिहार : अब 50 वर्ष से ऊपर के अक्षम सरकारी कर्मचारी हटाए जाएंगे, हर वर्ष में दो बार होगी समीक्षा

बिहार सरकार ने कार्यकलापों की समीक्षा के लिए विभिन्न स्तर पर अलग-अलग समितियों का गठन कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए बनाई गई नीति को लेकर बुधवार को संकल्प जारी कर दिया। समीक्षा कैसे व किस स्तर पर होगी इसकी प्रक्रिया निर्धारित की गई है। 50 साल से उपर के समूह क, ख, ग व अवर्गीकृत सभी समूहों के कर्मियों के कार्यकलाप की समीक्षा होगी। प्रत्येक डिपार्टमेंट में समीक्षा के लिए समिति का गठन भी कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति समूह 'क' के कर्मियों के काम की समीक्षा करेगी। वहीं समूह 'ख' के मामले में समिति के अध्यक्ष अपर सचिव या संयुक्त सचिव होंगे। समूह 'ग' व अवर्गीकृत समूह के कर्मियों के कार्यकलाप की समीक्षा के लिए बनी समिति के अध्यक्ष संयुक्त सचिव रैंक के अफसर होंगे।
समिति कुछ विशेष बिंदुओं पर कर्मचारियों के कार्यकलापों की समीक्षा करेगी। यदि किसी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध होती है तो अन्य दूसरे बिंदुओं पर विचार किए बिना अनिवार्य सेवानिवृति की अनुशंसा की जाएगी। समीक्षा का दूसरा पैमाना कार्य दक्षता या आचार होगा। कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है जिससे कर्मी को सेवा में बनाए रखना न्याय या लोकहित में नहीं हो तो उनपर भी अनिवार्य तौर पर सेवानिवृति करने की कार्रवाई होगी। इसके अलावा किसी कर्मी के संबंध में विचार करते वक्त एक मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को भी संज्ञान में रखने को कहा गया है।
समिति हर वर्ष दो बार समीक्षा का कार्य करेगी। जिन कर्मचारियों की उम्र जुलाई से दिसंबर के बीच 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली है तो उसके मामलों की समीक्षा उसी वर्ष जून में होगी। वहीं, जनवरी से जून के महीने में जिनकी उम्र 50 से ऊपर होने वाली है उनके मामलों की समीक्षा इससे पहले ही दिसंबर में ही की जाएगी।
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