Bihar Panchayat Election: पढ़ लें गाइडलाइन्स, नहीं तो इन गलतियों पर गंवानी पड़ जाएगी उम्मीदवारी

बिहार (Bihar) में पंचायत चुनाव की तैयारियां (Panchayat election preparations) हर स्तर पर जोरों से चल रही हैं। एक तरफ प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थाएं सेट करने में जुटे हैं। दूसरी तरफ चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोग तैयारियों के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन्स (Guidelines issued by the State Election Commission) पर नजर जमा रहे हैं। बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर आयोग की ओर से 101 पन्ने की गाइडलाइन्स जारी हुई है। जिसमें जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को एक लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति दी गई है। वहीं सरपंच और मुखिया प्रत्याशी को 40 हजार रुपये खर्चा करने की छूट मिली है। ऐसे ही पंचायत समिति सदस्य के उम्मीदवार को 30 हजार रुपये खर्च की अनुमति मिली है। इसके अलावा आयोग की ओर से ग्राम पंचायत सदस्य व पंच प्रत्याशी को 20 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है।
इन वाहनों का इस्तेमाल कर प्रचार कर सकेंगे प्रत्याशी
आयोग के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान ग्राम पंचायत के सदस्य, पंच पद के उम्मीदवार को एक बाइक का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य पद उम्मीदवार के लिए प्रचार के दौरान दो मोटर साइकिल या एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति दी गई है। ऐसे ही जिला परिषद सदस्य पद के प्रत्याशी के लिए प्रचार के दौरान ज्यादा से ज्यादा चार मोटर साइकिल या दो हल्के मोटर वाहनों का इस्तेमाल करने की छूट दी गई है। इनके अतिरिक्त सभी छह पदों के उम्मीदवार घोड़ागाड़ी, बैलगाड़ी व रिक्शा से भी चुनाव प्रचार कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए इजाजत लेनी होगी। इन सभी साधनों का खर्च भी चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा।
सियासी पार्टी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे उम्मीदवार
राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्ट कहना है कि यदि कोई उम्मीदवार किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा या बैनर प्रयोग करता है तो उसकी उम्मीदवारी रद्द हो सकती है। पंचायत चुनाव के दौरान किसी सियासी दल के नाम या चुनाव चिह्न की मदद से वोट मांगना भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और संहिता उल्लंघन के नियम के तहत एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा जुलूस के शुरू होने का वक्त, स्थान, मार्ग और जुलूस समाप्ती का वक्त और जगह पहले से पुलिस प्राधिकारियों के साथ तय कर ली जाएगी। जुलूस का मार्ग ऐसा हो, जिसकी वजह से यातायात बाधित ना हो। उम्मीदवारों की ओर से वोटर्स के लिए जारी की गई पहचान पर्ची सादे यानी कि सफेद पेपर की होनी चाहिए। साथ ही उस पर्ची पर प्रत्याशी का नाम या चुनाव चिह्न ना हो।
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