मांझी ने श्रीराम के अस्तिव को नकारा तो गरमा गई सियासत, विपक्षियों संग अपने भी करने लगे हमले

बिहार (Bihar) के पूर्व सीएम एवं 'हम' प्रमुख जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने टिप्पणी करते हुए भगवान श्रीराम (Shri Ram) व रामायण के अस्तित्व पर ही प्रश्न (Question on the existence of Ramayana itself) खड़े कर दिए थे। मांझी की इस टिप्पणी के बाद से ही बिहार की सियासत (Bihar Politics) गरमा गई है। मांझी के खिलाफ सहयोगी पार्टी बीजेपी (BJP) के नेताओं द्वारा भी निशाने साधे जा रहे हैं। साथ ही मामले को लेकर मांझी से माफी मांगे जाने की मांग उठाई जा रही है। दूसरी ओर मांझी का कहना है कि वह अपनी इस टिप्पणी पर 200 प्रतिशत कायम हैं। उनका कहना है कि रामायण की कहानी सत्य नहीं है। राम जीवित थे, वह इसको भी नहीं मानते हैं।
बीजेपी विधायक बचौल ने की तीखी टिप्पणी
बिस्की से बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने हमलावर होते हुए कहा कि जीतनराम मांझी ने रामायण पर जो टिप्पणी की है वो सही नहीं है। सेकुलर बनने की कोशिश में मांझी द्वारा गलत बयानबाजी की गई है। मांझी को इस पर खेद जताना चाहिए। बचौल ने कहा है कि पूर्व सीएम के नाम में ही राम होना यह पुख्ता करता है कि उनके माता-पिता ने राम के अस्तित्व स्वीकार करते थे। इसलिए उन्होंने उनके नाम में राम जोड़ा होगा। अगर वो इसे नहीं स्वीकार करते हैं तो जीतन राक्षस मांझी उनका नाम होना चाहिए।
नितिन नवीन ने जताई आपत्ति
बिहार सरकार में मंत्री एवं बीजेपी नेता नितिन नवीन ने मांझी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। कहा कि जीतनराम मांझी समाज को जोड़ने वाली बातें कहें। यहां कण-कण में राम बसे हैं। राम के नाम पर कई लोग प्रश्न उठाकर अपनी सियासी की रोटियां सेकने की कोशिश करते हैं।
कांग्रेस ने मांगा मुख्यमंत्री से जवाब
मामले पर कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा का कहना है कि बीजेपी व उसकी सहयोगी पार्टियां श्रीराम के नाम पर पाखंड करते हैं। एक ओर वो श्रीराम के नाम पर वोट मांगकर सियासत करते हैं। वहीं दूसरी तरफ श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारते हैं। इसपर बीजेपी व बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को जवाब दें कि इस तरह की टिप्पणी करने के बाद भी जीतनराम मांझी बिहार सरकार में क्यों बने हुए हैं? वहीं राष्ट्रीय जनता दल नेता एवं एमएलए भाई वीरेंद्र का कहना है कि वो श्रीराम व रामायण में भरोसा करते हैं। पर राम के नाम पर जो लोग सियासत कर रहे हैं, उनके साथ मांझी क्यों हैं? वो उनसे अलग हो जाएं।
आपको बता दें कि बिहार के पाठ्यक्रम में रामचरितमानस व रामायण को शामिल किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर जीतनराम मांझी ने कहा था कि राम कोई जीवित व महापुरुष व्यक्ति थे। इस बात को वो नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि वो रामायण को सत्य नहीं मानता। मांझी ने ये जरूर कहा कि रामायण में कही गई बातों का वो पक्ष लेते हैं। रामायण में कई बातों से व्यक्तियों के बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण हो सकता है। इस करण वह इसको पाठ्यक्रम में शामिल करने का समर्थन करते हैं।
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