बिहार: भागलपुर में पुलिस ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को दी थर्ड डिग्री, उपचार के दौरान मौत

बिहार के भागलपुर से पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यहां बर्बर पुलिस कर्मियों ने पीट-पीटकर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या कर दी है। बताया जाता है कि जांच के वक्त उस शख्स पर कोई छोटी सी भूल हो गई। जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने उसे थर्ड डिग्री दी व हवालात में बंद करके सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कपड़े उतारकर पीटा गया। बताया जाता है जिसके बाद उसकी मौत हो गई। मामले के संबंध में थानाअध्यक्ष सहित 6 पुलिस वालों पर हत्या का मामला दर्ज हुआ है। घटना के बाद से आरोपी पुलिस वाले फरार बताये जाते हैं।
पुलिस की पिटाई से जान गवाने वाला आशुतोष पाठक बिहपुर थाना क्षेत्र के गांव मड़वा का रहने वाला था व सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। जानकारी के अनुसार आशुतोष पाठक दुर्गा पूजा करने के लिए भागलपुर से अपने गांव आया हुआ था। बताया गया कि वो शनिवार की शाम को बाइक से पत्नी के साथ जा रहा था। उसी दौरान नौगछिया के नेशनल हाइवे-31 के महंथ बाबा जगह के समिप बिहपुर थाना पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही थी। बताया जाता है कि पुलिस कर्मियों ने उस दौरान आशुतोष की मोटर साइकिल को जांच के लिये रुकवाया। तुरंत वो मोटर साइकिल को रोक नहीं पाया व उसकी बाइक थोड़ी दूरी पर जाकर रुकी। इस छोटी सी बात को लेकर ही बिहपुर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार गुस्से से लाल हो गए। इस दौरान थानाध्यक्ष ने आशुतोष को गाली देना स्टार्ट कर दिया। आशुतोष इस बात का विरोध किया तो थानाध्यक्ष ने उसकी पत्नी के सामने ही उसे पिटना शुरू कर दिया। थानाध्यक्ष का मन इस बात से भी नहीं भरा। वह आशुतोष को पीटते हुए ही थाने लेकर पहुंचे व हवालात में बंद कर दिया।
जानकारी के मुताबिक आशुतोष पाठक को हवालात में बंद करने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा उसे थर्ड डिग्री दी गई। आशुतोष पाठक के कपड़े उतरवाकर नंगा करके बेरहमी से पीटा गया। जानकारी के अनुसार आशुतोष पाठक के ससुर कटिहार पुलिस में दरोगा के पद पर तैनात हैं। सूचना मिलने पर वो उक्त थाने पहुंचे। जहां से वे आशुतोष को अस्पताल लेकर गये। जहां उपचार के दौरान आशुतोष पाठक की मौत हो गई।
बताया जाता है कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों सौंप दिया है। वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत की वजह गंभीर रूप से की पिटाई किया जाना बताया गया है। घटना से गुस्साये परिजनों व स्थानीय लोगों ने एनएच-31 पर जाम लगा दिया। गुस्साये लोगों ने दोषी पुलिस वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। बताया जाता है कि इस दौरान गुस्साये लोगों लोगों को शांत करने को पहुंचे एसडीपीओ दिलीप कुमार के साथ धक्का-मुक्की हुई। पुलिस बमुश्किल लोगों को समझा बुझाकर शांत कराने में कामयाब हुई। जानकारी के मुताबिक इस घटना के संबंध में नवगछिया की एसपी स्वप्ना मेश्राम ने जांच के आदेश दिये हैं।
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