Srijan scam: ईडी ने पीके घोष को किया गिरफ्तार, दो दिनों तक आरोपी से लंबी पूछताछ भी चली

Srijan scam: ईडी ने पीके घोष को किया गिरफ्तार, दो दिनों तक आरोपी से लंबी पूछताछ भी चली
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बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में ईडी ने भागलपुर के बड़े कारोबारी प्रणव कुमार घोष को दबोच लिया है। घोष के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में यह एक्शन लिया गया है।

बिहार (Bihar) की नीतीश सरकार (Nitish Government) के लिए परेशानी का सबब बन चुके सृजन घोटाले (Srijan scam) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने भागलपुर शहर के चर्चित व्यवसायी एवं सृजन घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल रहे प्रणव कुमार घोष (Pranav Kumar Ghosh) को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इडी ने 5 अगस्त को प्रणव कुमार घोष (पीके घोष) को राजधानी पटना (Patna) में पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद पीके घोष को अरेस्ट करने के बाद शनिवार की शाम को पटना बेउर जेल भेज दिया गया। बताया गया है कि पूर्व में भी ईडी की ओर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था। लेकिन घोष इडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। इस बार के नोटिस पर पटना में पीके घोष से सृजन घोटाला संबंधित मनी लांड्रिंग (Money Laundering) मामले में गुरुवार और शुक्रवार को पूछताछ की गई। वहीं ईडी ने पीके घोष को शनिवार को अरेस्ट कर लिया।

कहा जा रहा है कि मनी लांड्रिंग मामले में पीके घोष को अरेस्ट किया गया है। मामले को सृजन घोटाले से भी संबंधित बताया जा रहा है। वैसे इसको लेकर पुष्टि नहीं हो पाई है। यह भी कहा जा रहा कि एजेंसी पहले से ही पीके घोष की संपत्ति की गुप्त तौर पर जांच कर रही थी। इसी तफ्तीश में भागलपुर शहर में घोष के करीबी रिश्तेदारों के पास बड़े प्रतिष्ठान पाए गए। एजेंसी ने 2020 में 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की सृजन की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने 2020 में सृजन महिला विकास सहयोग समिति की 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

आपको बता दें साल 2017 में सरकारी कोष में कथित अनियमितता कर करोड़ों के घोटाले का केस सामने आने पर सीबीआई व ईडी ने सृजन मामले के खिलाफ जांच शुरू की थी। जब्त संपत्ति में गाजियाबाद, नोएडा, पुणे, रांची, पटना व भागलपुर में 20 फ्लैट, गाजियाबाद, नोएडा व भागलपुर में 19 दुकानें, बिहार में 33 प्लॉट, वॉक्सवैगन की एक कार और 4.84 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस जब्त किया गया था। मनी लांड्रिंग कानून के तहत 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था। वर्ष 2003-04 से 557 करोड़ रुपये सरकारी खातों से निकाल कर अवैध रूप से सृजन के बैंक खातों में डाल दिए गए।

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