बाढ़ और कोरोना से बिहारवासी बेहाल और नीतीश सरकार चैन की नींद सो रही: पीके

टीम पीके की ओर से गुरुवार रात को सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट डालकर बिहार में कहर ढाते कोरोना और बाढ़ को लेकर चिंता जताई गई । टीम पीके ने इन्हीं अपदाओं के बीच बिहार सरकार पर सोते रहने का आरोप लगाया है। पीके ने कहा कि रोज़गार हो या प्राकृतिक आपदा, लोगों को मजबूरी में अपना घर छोड़कर जाना पड़ता है! इन्हीं हालातों के बीच क्या बिहार में रहने लायक स्थिति है?
वहीं टीम पीके ने कहा कि कोरोना ने बिहार वासियों का रोजगार छीन लिया और बाढ़ ने उनका घर । इन्हीं हालातों के बीच टीम पीके ने नीतीश की सरकार चैन से सोती रहने का आरोप लगाया है। टीम पीके ने आगे आरोप लगाया कि बाढ़ से बिहार डूब रहा है और कोरोना के बढ़ते संक्रमण से भी लोग बूरी तरह बेहाल हैं। लेकिन इन अपदाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्चुअल चुनावी रैली में व्यस्त हैं।
बिहार में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। सूबे की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। गंगा का पानी भी चढ़ने लगा है। कोसी विकराल बनती जा रही है। सारण के मांझा प्रखंड के भैसही गांव समीप सारण मुख्य तटबंध में तेजी से हो रहे रिसाव से ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गया है।
अगले दो दिनों तक कई नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी इंजीनियरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इस बीच मांझा प्रखंड के भैसही गांव समीप सारण मुख्य तटबंध में तेजी से हो रहे रिसाव से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। पानी का दबाव बढ़ने से गुरुवार की सुबह प्रखंड के भैसही गांव के समीप सारण मुख्य तटबंध में तेजी से पानी का रिसाव होने लगा।
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