लालू यादव से भाजपा नेता मिले तो भड़की कांग्रेस, कहा- हमारे पूर्व के आरोप हो रहे सही सिद्ध

राजधानी पटना (Patna) में भाजपा ( BJP) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा व नंदकिशोर यादव की राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) समेत उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद से ही बिहार (Bihar) की सियासत में नई अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। राज्य में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव से ठीक पहले यानी कि शुक्रवार की रात में यह मुलाकात हुई। जिसके बाद कांग्रेस भी चौकन्नी हो गई है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में भाजपा और राजद के बीच गठबंधन हो सकता है।
यह मिलन पटना में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर हुई। इस दौरान बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भी उपस्थित रहे थे। वैसे सिन्हा ने इसको शिष्टाचार भेंट करार दिया है। साथ ही तमाम अटकलों को शांत करने का प्रयास किया है। सिन्हा ने कहा कि लालू यादव का हालचाल लेने के लिए यह महज शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने बताया कि वह पटना विवि में स्टूडेंट्स यूनियन के दिनों से लालू प्रसाद यादव को जानते हैं। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने राबड़ी आवास पर लालू यादव के साथ दो घंटे वक्त बिताया। पर उस वक्त कोई सियासी चर्चा नहीं हुई। सिन्हा ने बताया कि लालू यादव को कई बीमारियां ऐसी भी थी कि जिनसे वो भी पीडि़त हैं, इसलिए वह लालू यादव से इलाज के बारे में पूछताछ के लिए पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लालू यादव साढ़े तीन वर्ष बाद बिहार लौटे हैं। वहीं लालू यादव और आरके सिन्हा के बीच परिवारि रिश्ते हैं। इसलिए लंबे वक्त बाद पटना लौटे लालू यादव से उन्होंने मुलाकात की।
वहीं बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजद से खटपट के बाद गठबंधन टूटने की घोषण कर चुकी कांग्रेस इस मुलाकात से दुखी नजर आ रही है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद मादाब ने कहा कि यह मिलन हमारे पूर्व के आरोपों को सही सिद्ध करता है। दोनों दलों भाजपाव व राजद के बीच गुप्त समझौता हो चुका है। ये नेता क्या बातचीत और चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस नेता ने इस मीटिंग की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जारी की।
दूसरी ओर कांग्रेस के आरोपों को राजद ने खारिज किया है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि दोनों लंबे वक्त से एक दूसरे को जानते हैं। दोनों के बीच निजी संबंध हैं। राजद को किसी से सेक्युलर सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। निजी रिश्तों को सियासत से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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