जातिगत जनगणना को मिली कैबिनेट की हरी झंडी, हिंदुओं के साथ मुस्लिमों की भी गिनी जाएंगी जातियां

बिहार(Bihar) जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक के बाद गुरुवार को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। बुधवार को CM Nitish Kumar की अध्यक्षता में जातीय गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई थी। कैबिनेट में जातीय जनगणना(caste census) कराने की सहमति मिलने के बाद जातियों में भी उपजातिय आधारित सभी धर्मों की गणना होगी। जातिगत जनगणना कराने का मुद्दा पिछले लंबे से लांबित पड़ा हुआ था।
मुख्य सचिव अमीर सुहानी ने कहा कि जनगणना कराने में प्रदेश सरकार (Bihar State Goverment) सक्षम में है। अपने ही साधानों से जनगणना कराने का फैसला लिया गया है। हालांकि, कैबिनेट की बैठक में जाति आधारित सबसे टॉप पर था। साथ ही 9 मई को बिहार की राजधानी में महाराणा प्रताप की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। सीएम नीतिश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में सभी धर्मों की जनगणना होगी। इनमें जातियों और उपजातियों भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की भी उपजाति निकल कर सामने आएगी।
साफ है कि हिंदूओं के साथ—साथ मुस्लिमों (Muslims) की जातियों की भी जनगणना होगी। हालांकि, मुस्लिम समाज भी बिहार में जातिगत जनगणना कराने की मांग करता हुआ रहा है। तमाम मुस्लिम ओबीसी समुदाय के साथ ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज संगठन(All India Pasmanda Muslim Mahaj Organization) मुस्लिमों की तमाम जातियों की गिनती करने की मांग करता रहा है। हालांकि, गांधी पीस फाउंडेशन भी मुस्लिम जातियों की जनगणना को लेकर मीटिंग कर चुका है। हालांकि, 2019 और 2020 में नीतिश सरकार जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद(Bihar Legislative Assembly and Legislative Council) में पास करा चुकी है।
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