भैंसा पर सवार होकर पहुंचे थे नामांकन पत्र देने, अब कानून के पचड़े में फंस गए

भैंसा पर सवार होकर पहुंचे थे नामांकन पत्र देने, अब कानून के पचड़े में फंस गए
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बिहार में जारी पंचायत चुनाव के बीच मधेपुरा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्रत्याशी भैसे पर चढ़कर पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए पहुंचा। जो अब कानूनी पचड़े में बुरी तरह तरीके से फंस गए हैं।

बिहार पंचायत (bihar election) चुनाव के बीच से मधेपुरा जिले से अजब-गजब वाक्या (amazing) सामने आया है। यहां पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार नॉमिनेशन वाले दिन से ही कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जिससे वो अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों की नजरों लगातार बने रहें। इसके लिए उम्मीदवार नॉमिनेशन को विशेष बनाने का प्रयास करते हैं। पर मधेपुरा में नॉमिनेशन को विशेष बनाना एक मुखिया उम्मीदवार को खासा महंगा पड़ गया। चुनाव में जीतें या हार जाएं, पर ये तय है कि नेताजी कानूनी पचड़े में बुरी तरीके से फंस गए हैं। नेताजी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है। ये मुखिया उम्मीदवार हैं कुमारखंड प्रखंड के इसराइन बेला पंचायत से चुनाव लड़ आजमा रहे अशोक कुमार मेहता।

मधेपुरा जिले के कुमारखंड ब्लॉक में पंचायत चुनाव के छठे फेज में वोटिंग होने वाली है। इसके लिए छह अक्टूबर को मुखिया उम्मीदवार अशोक कुमार मेहता जब पर्चा भरने पहुंचे तो चर्चा केंद्र में आ गए। क्योंकि वह भैंसा पर सवार होकर पर्चा भरने देने आए थे। भैंसे को फूल मालाओं से सजाया गया था और उस पर नेताजी सवार थे। जिनको देखने के लिए भीड़ जुट गई। उस वक्त वहां समर्थक भी जोश में नारेबाजी कर रहे थे। इससे नामांकन केंद्र पर भी अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। पर नॉमिनेशन के दौरान यह ड्रामा करना नेताजी को महंगा पड़ गया। उन्होंने एक ओर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया तो दूसरी ओर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धज्जियां उड़ाई हैं। इसपर कुमारखंड के बीडियो के बयान पर अशोक कुमार मेहता पर मामला दर्ज हुआ है।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत किसी भी जानवर को कष्ट या हानि पहुंचाना क्राइम है। इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के आदेश पर मुखिया उम्मीदवार अशोक कुमार मेहता पर करवाई की जा रही है।

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