Bihar में जारी रहेगी जातिगत गणना, 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

बिहार सरकार (Bihar Government) को जाति आधारित जनगणना पर पटना हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को तुरंत रोकने की अपील की है। साथ ही उन्होंने इस फैसले को चुनौती भी दी है। सुप्रीम कोर्ट बिहार में हो रही जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण के मामले पर सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
14 अगस्त से पहले पूरा हो जाएगा सर्वे का काम
बिहार में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। वहीं पटना हाई कोर्ट (High Court) की तरफ से जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वे को रोकने वाली याचिकाओं को खारिज किया है। सरकार ने अगले दिन से ही जाति आधारित जनगणना का काम शुरू कर दिया है। जाति आधारित जनगणना (Census) का काम पूरा करने में केवल 7 दिनों का समय लगने की बात कहीं जा रही है। बीते बुधवार को इस काम के लिए फिर से शुरू किया गया है। सोमवार को जाति आधारित जनगणना के 5 दिन पूरे हो चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अगले सोमवार को इस पर सुनवाई की जानी है। ऐसे में जातिगत आधारित जनगणना को लेकर सरकार के पास लगभग एक सप्ताह का अतिरिक्त वक्त मिल गया है।
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तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की की गई है अपील
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तत्काल प्रभाव से जाति आधारित जनगणना को रोकने की अपील दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं के समूह की तरफ से यह अपील की गई है कि जातिगत जनगणना एवं आर्थिक सर्वे पर तुरंत रोक लगाई जाए। मगर कोर्ट ने अगले सप्ताह 14 अगस्त को सुनवाई करने का वक्त दे दिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जाति आधारित जनगणना कराने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। लेकिन इसे राज्य सरकार करवा रही है, जो नियम के विरुद्ध है। हालांकि बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल कर रखा है।
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