Caste Census Issue: CM नीतीश के नेतृत्व में PM मोदी से 23 को मिलेगा प्रतिनिधिमंडल, BJP से ये नेता रहेंगे मौजूद

देश में जाति आधारित जनगणना (caste based census) कराए जाने की मांग को लेकर बीते काफी दिनों से बिहार की सियासत (Bihar politics) गर्म है। अब वह वक्त भी करीब है कि जब बिहार का एक प्रतिनिधिमंडल (delegation from Bihar) सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में जातीय जनगणना (caste census) के मसले पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात करेगा। यह दिन सोमवार यानी कि 23 अगस्त होगा। पीएम मोदी के साथ यह मुलाकात 23 अगस्त को दिन में 11 बजे होगी। इस बैठक में सीएम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ-साथ पक्ष-विपक्ष की सभी पाटियों से सदस्य शामिल रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी से जातीय जनगणना के मसले पर चर्चा करने वाले प्रतिनिधिमंडल में जो-जो सदस्य मौजूद रहेंगे। अब उन सभी नेताओं के नाम भी अब सामने आ गए हैं।
बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि इस डेलिगेशन में मुख्यमंत्री के अलावा जदयू से वो खुद भी इसका हिस्सा होंगे। राष्ट्रीय जनता दल से नेता प्रतिपक्ष तेजश्वी यादव (Tejashwi Yadav), कांग्रेस से विधायक अजित शर्मा, भाकपा माले से विधायक महबूब आलम, एआईएमआईएम से अख्तरुल इमाम, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 'हम' से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी से मुकेश साहनी, सूर्यकांत पासवान, जनक राम और अजय कुमार समेत कुल 11 नेता इस डेलिगेशन में शामिल रहेंगे।
विजय कुमार चौधरी के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी भी शामिल होगी। भाजपा (BJP) की ओर से इस डेलिगेशन में बिहार सरकार के मंत्री जनक राम मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार चल रही है। इसके बाद भी एनडीए में ही जातीय जनगणना को लेकर अलग राय है। बीजेपी जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है। वहीं एनडीए में सहयोगी जदयू, 'हम' और वीआईपी इसके समर्थन में हैं। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी राजद, कांग्रेस समेत ज्यादातर पार्टियां जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग के समर्थन में हैं।
आपको बता दें कि सीएम नीतीश ने पहले ही कह चुके हैं कि जातीय जनगणना की मांग केवल बिहार ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लिए भी है। उनका कहना है कि जाति आधारित जनगणना कराना जरूरी है। जातीय जनगणना हो जाने पर पिछड़े तबकों का पता लग जाएगा। साथ इन तबकों के कल्याण के लिए जरूरी योजनाएं बनाई जा सकेंगी।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा से जाति आधारित जनगणना कराए जाने को लेकर दो बार प्रस्ताव पारित हो चुका है। सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव में मांग उठाई गई कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में जाति आधारित डाटा दिया जाए। दूसरी ओर जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग के मुद्दे को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी जोर-शोर से उठाया रहे हैं। वहीं इसी मसले पर चर्चा करने के लिए सीएम नीतीश ने पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए वक्त मांगा था।
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