Caste Census: CM नीतीश का अपमान देख, तेजस्वी ने भी PM को लिखा पत्र, कही ये जरूरी बातें

बिहार (Bihar) में जातिगत जनगणना (caste census) कराए जाने की मांग लेकर छिड़ी सियासत फिलहाल ठंडी होती हुई नजर नहीं आ रही है। पूर्व में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जातिगत जनगणना को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा था। जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि जातिगत जनगणना को लेकर उनके द्वारा भेजे गए पत्र का पीएम मोदी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। वहीं अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पत्र (Letter for Prime Minister Narendra Modi) लिखा है। जिसमें तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है कि हमने बीते मानसून सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग रखी थी। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने बीते 4 अगस्त को पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए पत्र भी लिखा था। पर एक सप्ताह बीत गया है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं हो पाई है। यदि सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री को भी पीएम नरेंद्र मोदी मुलाकात करने का समय नहीं दे रहे हैं तो ये चौंकाने वाली बात है। पीएम नरेंद्र मोदी से सीएम नीतीश कुमार की कब मुलाकात होगी। यह बारे में अभी तक सूचना नहीं दी गई है।
जातिगत जनगणना की माँग को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को पत्र लिखा है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 13, 2021
अगर जातीय जनगणना नहीं कराई गई तो वंचित उपेक्षित व गरीब जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाएगा और ना ही उनकी वर्तमान दयनीय स्थिति में परिवर्तन। pic.twitter.com/dnlWOoHDPO
राजद नेता तेजस्वी ने यह भी बताया कि वो लोग बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के लिए भेज चुके हैं। इसके बाद भी जातीय जनगणना के मुद्दे कुछ नहीं किया गया। अब हम भी जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए पत्र लिख रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि एक सप्ताह बीते जाने बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से मुलाकात के लिए वक्त नहीं दिया जाना बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान है। वहीं तेजस्वी ने कहा कि पत्र में हमने यह आग्रह किया है कि हमें मुलाकात करने के लिए वक्त मिलना चाहिए। उन्होंने का कि जाति आधारित जनगणना जब होगी, तब ही अलग से पिछड़ों के लिए योजना बनाई जाएंगी। साथ ही उनको नौकरी मिलेगी। तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ बिहार के लिए नहीं है। बल्कि यह पूरे देश के लिए अहम है।
तेजस्वी यादव ने मांग उठाई कि जाति आधारित जनगणना हो व पब्लिक डोमेन में इसे लाया जाए। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के लिए ओबीसी आरक्षण का प्रावधान लाने के लिए कहा गया है। केंद्र को जाति आधारित जनगणना की मांग को भी मानना होगा। यदि पीएम नरेंद्र मोदी मना कर देते हैं तो हम सभी के समक्ष मांग रखेंगे कि मुद्दे को लेकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर चलकर बैठ जाएं। वहीं तेजस्वी ने प्रश्न उठाया कि आखिर वो कौन लोग हैं जो जाति आधारित जनगणना को नहीं करवाना नहीं चाहते हैं? वो ऐसा क्यों कर रहे हैं। यह बात सभी को पता चलनी चाहिए।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार ने बीते लोकसभा चुनाव में लगभग तमाम लोकसभी की सीटें एनडीए को ही दी थीं। लेकिन बीते दिनों संसद में केद्र सरकार ने स्पष्ट इंकार कर दिया कि देश में जाति आधारित जनगणना नहीं कराई जाएगी। वहीं तेजस्वी ने कहा कि वो जात-पात की बात सियासत के लिए नहीं, बल्कि पिछड़ों के कल्याण लिए जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग उठा रहे हैं। जब तक पिछड़ों की गिनती नहीं होगी तब तक उनके उत्थान के लिए योजना नहीं बन सकती है। यदि कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में भी जाति आधारित जनगणना हो जाए तो अच्छा होगा।
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