जल्द फिर से शुरू होगी चकबंदी, आईआईटी रुड़की ने पूरा किया ये कार्य, प्रदेश में अपराध भी हो जाएगा कम

जल्द फिर से शुरू होगी चकबंदी, आईआईटी रुड़की ने पूरा किया ये कार्य, प्रदेश में अपराध भी हो जाएगा कम
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बिहार में हत्या समेत अन्य तरह की आपराधिक वारदातें जमीन विवाद के चलते होती हैं। ऐसे में चकबंदी कानून लागू करना कारगर साबित हो सकता है। स्वयं बिहार के सीएम नीतीश कुमार कई बार बोल चुके हैं कि प्रदेश में क्रमिनल वारदातों के पीछे की बड़े कारण जमीन से संबंधित झगड़े हैं।

बिहार (Bihar) में खेती वाली जमीनों से जुड़े झगड़ों (land disputes) को सदैव के लिए हल करने की दिशा में नीतीश सरकार (Bihar Government) द्वारा बड़ा कदम उठाया जा रहा है। वहीं आईआईटी रूड़की (IIT Roorkee) से पहुंची टीम ने भी यहां भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया है। इसके बाद अब काफी जल्द चकबंदी (consolidation In Bihar) के माध्यम से किसानों की अलग-अलग जोतों को एक चक में तब्दील कर दिया जाएगा। इसके बाद जमीन से जुड़े झगड़े काफी कम हो जाएंगे।

जमीन से जुड़े झगड़े बिहार की सबसे गंभीर समस्या है। बिहार सरकार भूमि विवादों का खात्मा कराने के लिए भूमि सर्वेक्षण करवा रही है। साथ ही प्रदेश सरकार काफी जल्दी चकबंदी करके किसानों की बिखरी खेती की भूमि को एक जगह यानी कि एक चक के रूप में मुहैया करा देगी। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत राय के अनुसार इस कार्य को आईआईटी रूड़की की पांच सदस्य टीम द्वारा करवाया गया है। आईआईटी रूड़की की टीम द्वारा इस कार्य को करीब-करीब पूर्ण कर लिया गया है।

किसानों को होगा काफी फायदा

बिहार के मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि इस मामले की पहल सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 7 वर्ष पहले की थी। अब ना केवल जमीन विवाद घटेंगे, बल्कि किसान को भी काफी फायदा होगा। इसके बाद किसान अपनी भूमि को किराए पर भी दे पाएंगे। साथ ही जमीन को बेच भी सकेंगे। चाहे अपनी भूमि पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल या फिर जो करना चाहें, किसान बिना किसी झगड़े के कर सकेंगे। मंत्री रामसूरत ने बताया कि इस कार्य को तेजी से कराए जाने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम के द्वारा एक एप भी तैयार कराया जा रहा है।

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