कोरोना संकट के बीच चमकी बुखार से दो मरीजों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए की ये तैयारी

कोरोना संकट के बीच चमकी बुखार से दो मरीजों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए की ये तैयारी
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बिहार में कोरोना संकट के बीच चमकी बुखार भी कहर बरपाने लगा है। बिहार में मुजफ्फरपुर के साथ-साथ कई जिलों से चमकी बुखार के मामले सामने आए हैं। चमकी बुखार की वजह से स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां बढ़ गई हैं।

बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) महामारी से ही लोग बुरी तरह से परेशान हैं। वहीं अब उत्तर बिहार (North Bihar) में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के साथ-साथ चमकी बुखार (chamki fever) ने भी लोगों को भयभीत करना शुरू कर दिया है। बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur), वैशाली (Vaishali), पूर्वी चंपारण (East Champaran) और सीतामढ़ी जिलों (Sitamarhi Districts) में इसके चमकी बुखार के मरीज सामने आए हैं। कोरोना वायरस के बीच चमकी बुखार ने बिहार में स्वास्थ्य विभाग की समस्याएं बढ़ा दी है। जानकारी मिल रही है कि स्वास्थ्य विभाग चमकी बुखार से निपटने के लिए अलग से तैयारी कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर बिहार और चंपारण में चमकी बुखार के नए केस मिले हैं। बिहार में अब तक चमकी बुखार के 16 नए मरीज पाए गए हैं। वैसे चमकी बुखार के 10 नए मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं चमकी बुखार के 6 मरीजों का अभी भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा चमकी बुखार के मामले मिले हैं।

राज्य में चमकी दो की ले चुका जान

जानकारी के मुताबिक राज्य में चमकी बुखार से अब तक दो मरीज दम तोड़ चुके हैं। बिहार में मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी जिले में एक-एक चमकी बुखार के मरीज की मौत हुई है। दूसरी ओर चमकी बुखार के मरीज पाए जाने पर विरोधी नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

पुष्पम प्रिया ने ट्वीट कर उठाया सवाल

राज्य में चमकी बुखार के मामले सामने आने पर प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया (Plurals Party President Pushpam Priya) ने ट्वीट कर सवाल किया है। प्रिया ने लिखा कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की चमकी बुखार (AES) के मामले आने शुरू हो गए हैं। उम्मीद है कि आपकी सरकार सतर्क है और लॉकडाउन में भी गांवों की निगरानी की जा रही है।

पूर्व में चमकी बुखार को लेकर की गई थी ये तैयारी

आपको बता दें पिछले अप्रैल महीने में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने समीक्षा की थी। उस वक्त कहा गया था कि AES से बचाव के लिए आशा कर्मी अब घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की पहचान करेंगी। इसके बाद कुपोषित बच्चों को सदर अस्पताल स्थित जिला पोषण पुर्नवास केंद्र में सीएचसी व पीएचसी से रेफर कराएंगी। वहीं नर्स (एएनएम) वैसे बच्चों की पहचान करेंगी, जिन्हें चमकी बुखार आया है। उनको सीएचसी और पीएचसी से तुरंत रेफर कराकर एसकेएमसीएच भेजेंगी।

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