पटना कॉलेज के खाते से उड़ाए 62 लाख, पुलिस जांच के घेरे में हैं इन दोनों इंडियन बैंकों के कर्मचारी

बिहार (Bihar) में चेक क्लोनिंग के मामले (check cloning cases) पूर्व में भी आते रहे हैं। लेकिन पटना कॉलेज के बैंक खाते (Patna College Bank Accounts) के साथ की गई चेक क्लोनिंग मामले ने बिहार पुलिस (Bihar Police) के होश उड़ा रखे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जोरशोर से जुटी हुई है। याद रहे बीते दिनों में पटना कॉलेज के खाते से 62 लाख 80 हजार रुपये क्लोन चेक के जरिए निकाले जाने का खुलासा हुआ था। मामले को लेकर पटना इंडियन बैंक (Patna Indian Bank) से लेकर गुजरात के अहमदाबाद नवरंगपुरा ब्रांच (Ahmedabad Navrangpura Branch) में तैनात बैंक कर्मचारी संदेह के घेरे में बताए जा रहे हैं। आरोप है कि अहमदाबाद में इंडियन बैंक कर्मचारियों और पटना के पीयू स्थित इंडियन बैंक कर्मियों यानी कि दोनों के किसी भी कर्मचारी ने चेक का वेरीफिकेशन भी नहीं किया।
इस्तेमाल की जाती है ये प्रक्रिया
आपको बता दें 50 हजार के चेक को भंजाने से पहले भी बैंक द्वारा ग्राहक को एक कॉल किया जाता है और सत्यापन किया जाता है। ग्राहक से अनुमति मिलने के बाद ही रुपयों को अन्य खाते में भेजा जाता है। पर यहां नियम-कानून को ताक पर रख दिए गए और पटना कॉलेज के खाते से इतनी भारी भरक रकम आसानी से शातिरों के खाते में भेज दी गई। साथ ही दोनों बैंक में से किसी को भी शातिरों की हरकत की भनक तक नहीं लगी।
इंडियन बैंक की शाखा प्रबंधक से पुलिस ने की पूछताछ
वहीं पटना के पीरबहोर थानेदार शबीहुल हक गुरुवार की शाम में इंडियन बैंक की पीयू शाखा में पहुंचे। यहां पर थानेदार ने इंडियन बैंक की शाखा प्रबंधक से पूछताछ की। इस दौरान इंडियन बैंक की महिला अफसर ने पुलिस को कुछ प्रश्नों के उत्तर भी दिए। ये भी कहा जा रहा है कि अभी पटना के इंडियन बैंक के अफसरों को पुलिस के कई प्रश्नों का जवाब और देना होगा। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस की तरफ से इस मामले में बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। याद रहे पटना कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार द्वारा पटना इंडियन बैंक की शाखा प्रबंधक के खिलाफ इस मामले को लेकर मामला दर्ज करवाया गया है।
काफी दिनों तक इंडियन बैंक मामले से रहा अनजान
इस मामले में पटना के इंडियन बैंक द्वारा ऐसी लापरवाही बरती गई है कि वह पटना कॉलेज के खाते से इतनी मोटी रकम निकल लिए जाने के बाद काफी दिनों तक अनजान रहा। इतने दिनों तक बैंक के अधिकारियों को अवैध निकासी की भनक तक नहीं लगी। पटना कॉलेज प्रबंधन की ओर से शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 17 जुलाई तक बैंक की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। जब कॉलेज प्रबंधन द्वारा दिया गया चेक ही बाउंस हो गया तो पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ।
कई लोगों को चूना लगा चुकी है वेजीटेबल कंपनी
जानकारी के अनुसार आरऔन वेजीटेबल कंपनी अब तक कई दूसरे संस्थानों को चूना लगा चुकी है। पुलिस जांच-पड़ताल में यह भी पता चला है कि वेजीटेबल कंपनी को क्लोन चेक भंजाने वाले गिरोह द्वारा ही बनाया गया है। शातिरों ने कंपनी के नाम से खाता खोला गया है। जिससे कि कंपनी के खाते में बड़ी आसानी से जाली चेकों को भंजाया जा सके। साथ ही मामले पर किसी को भी संदेह ना हो पाए।
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