आरसीपी सिंह की अध्यक्षता वाली समिति में चिराग पासवान का भी नाम, बिहार की सियासत में मची हलचल

आरसीपी सिंह की अध्यक्षता वाली समिति में चिराग पासवान का भी नाम, बिहार की सियासत में मची हलचल
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एलजेपी नेता चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच विधानसभा चुनाव 2020 से ही छत्तीस का आंकड़ा जारी है। ऐसे में हिंदी सलाहकार समिति में उनका नाम होना सभी को चौंका रहा है

केंद्रीय इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन हुआ है। वहीं इस समिति में इस बार कई नए चेहरे शामिल किए गए। जिसमें ज्यादा हैरान करने वाला नाम एलजेपी नेता चिराग पासवान का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घोर विरोधी माने जाने वाले चिराग को इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के मंत्रालय से संबंधित में स्थान मिलने राजीतिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है।

मंत्री आरसीपी सिंह इस हिंदी सलाहकार समिति के अध्यक्ष और इस्पात राज्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं। इस समिति में लोकसभा सांसद सुनील कुमार सोनी, संजय सिंह, राज्यसभा सांसद दिनेश चंद्र विमल भाई अनावाडिया और नरेश गुजराल को सदस्य बनाया गया है। इसके अतिरिक्त संसदीय राजभाषा समिति की ओर से जमुई सांसद चिराग पासवान और दिनेश चंद्र यादव को भी इसका सदस्य बनाया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से ही चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच छत्तीस का आंकड़ा जारी है। चिराग पासवान लगातार अपने सियासी बयानों के माध्यम से खुलकर नीतीश कुमार के खिलाफ निशाने साधते रहे हैं। इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने चुनाव भी अकेले ही लड़ा था। चुनावी प्रचार के वक्त चिराग पासवान ने सत्ता में आने पर नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजने तक की चेतावनी दी थी। अंत में चिराग पासवान को बिहार में एनडीए से भी बाहर होना पड़ गया।

चिराग पासवान मंगलवार को भी बिहार विधानसभा उपचुनाव के सिलसिले में पटना पहुंचे थे। जहां चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ निशाना साधा था। चिराग ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अक्कर उनके पिता रामविलास पासवान का अपमान किया।

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