बख्तियारपुर का नाम बदलने की उठी मांग तो भाजपाइयों के सामने ही बोले CM नीतीश, अपने जन्मस्थान का नाम क्यों बदलें?

बिहार (Bihar) में भाजपा (BJP) नेताओं की ओर से बख्तियारपुर का नाम बदलने की मांग (Demand to change the name of Bakhtiyarpur) उठाई जा रही है। वहीं इसको लेकर पटना (Patna) में मीडिया कर्मियों ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) उनकी राय पूछी। इस दौरान वहां पर भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) और रेणु देवी (renu devi), बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मौजूद थे। इन तीनों दिग्गज भाजपा नेताओं के सामने ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए। साथ ही उन्होंने कहा कि अरे क्या फालतू है। बख्तियारपुर का नाम किस वजह से बदला जाएगा। कहा कि बख्तियारपुर मेरा जन्मस्थान है। क्यों नाम बदला जाए। क्या बातें करते हैं। बख्तियारपुर को लेकर बिना मतलब के बयान देते रहते हैं। आपको बता दें बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष मांग उठाई गई थी कि बख्तियापुर का नाम चेंज होना चाहिए।
पटना में सीएम नीतीश कुमार ने जनता दरबार के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इसी दौरान बख्तियारपुर का नाम बदलने के मामले पर यह जवाब दिया। साथ ही सीएम ने बताया कि वह बख्तियारपुर में ही पैदा हुए थे। यही से वह नालंदा गए थे। उन्होंने कहा कि आपको पता है कि जब संसद में ऑल इंडिया कानून बन रहा था तो संसद के सदस्य ने क्या कहा? जिस नालंदा विश्वविद्यायल का बर्बाद कर दिया गया। उसका कैंप बख्तियारपुर में ही रखा था। साथ ही बताया कि इसी बख्तियारपुर में पैदा हुआ वह शख्स है। जो नए सिरे से फिर नालंदा विश्वविद्यायल को बनवा रहा है। ये सभी चीजें फालतू हैं।
आपको बता दें बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सीएम नीतीश के समक्ष मांग उठाई थी कि बख्तियारपुर का नाम चेंज हो। क्योंकि जिस व्यक्ति के नाम पर शहर का नाम है। उसी शख्स ने नालंदा विवि को नष्ट किया था। इसलिए बख्तियारपुर का नाम चेंज करके नीतीश कुमार के नाम पर रखा जाना चाहिए। उनकी मांग थी कि बख्तियारपुर का नाम चेंज करके नीतीश नगर रखना चाहिए। क्योंकि मुख्यमंत्री यहीं पर पले-बढ़े और पढ़े-लिखे हैं। इस वजह से बख्तियारपुर का नाम नीतीश नगर रख दिया जाना चाहिए।
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बेड और दवा पर्यापप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। बिहार सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर और वायरल बुखार जैसी बीमारियों को निपटने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है।
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