रोक के बावजूद मंदिर पर कांवर लेकर पहुंचे जदयू विधायक ने दिखाई दबंगई, डीएम उठाया ये कदम

बिहार (Bihar) में भागलपुर (Bhagalpur) जिले की गोपालपुर विधानसभा सीट से जदयू के विधायक गोपाल मंडल (JDU MLA Gopal Mandal) अपने बिगड़े बोल और कारनामों को लेकर सदा चर्चाओं में रहते हैं। जो अब नए विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। विधायक गोपाल मंडल अपनी ही सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जारी की गई गाइडलाइन (corona guideline) को धत्ता साबित करते हुए नजर आए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जदयू विधायक अपने कई साथियों के साथ भागलपुर के जहाज घाट से गंगा स्नान कर कांवर में जल भरकर पैदल भोलेनाथ का जयकारा लगाते हुए बुढ़ानाथ मंदिर पहुंचे। यहीं पर भोलेनाथ के मंदिर में जल चढ़ाना चाहते थे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक बुढ़ानाथ मंदिर का मैन गेट बंद मिला। इस पर विधायक गोपाल मंडल ने मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को अपना रौब दिखाना शुरू कर दिया व कहा कि मंदिर का मैन गेट खोल दिया जाए।
लेकिन मंदिर प्रबंधन ने सरकार व जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश का हवाला देते हुए मंदिर का मुख्य द्वारा नहीं खोला। इस पर विधायक द्वारा मंदिर प्रबंधक व वहां उपस्थित पुजारियों को इसको लेकर अंजाम तक भुगतने की धमकी दे डाली। यहां पर करीब घंटे भर ड्रामा चलता रहा। नहीं खोले जाने की स्थिति में मंदिर के द्वार को तोड़ने की भी कोशिश की गई। बाद में पूरे मामले की सूचना मंदिर प्रबंधन ने जोगसर थाना पुलिस व जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को दी। तुरंत मौके पर जोगसर थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर पहुंचे। विधायक जी गेट खुलवाने को लेकर यहां सब इंस्पेक्टर से भी उलझ गए। अपने प्रयासों में असफल होने पर विधायक गोपाल मंडल बुढ़ानाथ मंदिर के पास ही एक मंदिर में भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर वहां से चलते बने।
यहां पर जदयू एमएलए ने यह भी कहा कि वो विधायक हैं, इसलिए उनके यहां आने पर दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए मंदिर का गेट खोला जाना चाहिए था। वैसे विधायक ने सरकार की ओर से कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन को जनता के हित में करार दिया। पर वह बुढ़ानाथ मंदिर में घुस नहीं पाने की वजह से खासे नाराज नजर आए। वहीं विधायक कहा कि यहां जैसे पुलिस ने उनके साथ व्यवहार किया है। यदि वो यहां पूजा-अर्चना करने के लिए नहीं आए हुए होते तो वो पुलिसवालों के रौब को झाड़ देते। वहीं विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि वह देशभर पर शासन करने को लेकर भोलेनाथ की शरण में आए थे। क्योंकि कुछ लोग कुर्सी के लिए मरते हैं व हम जनता के लिए मरते हैं।
इस पूरे मामले पर भागलपुर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने संज्ञान लिया है। साथ ही डीएम ने सदर एसडीओ आशीष नारायण को इस मामले में तफ्तीश करने के आदेश दिए हैं। डीएम का कहना है कि जांच तो जो भी दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
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