गरीबों को इस दिन से मिलेगा फ्री राशन, सरकार ने किसानों से अनाज खरीदने का लक्ष्य भी बढ़ाया

कोरोना काल (Corona era) में जारी आर्थिक संकट (Economic Crisis) को देखते हुए बिहार (Bihar) में सरकार (Government) की ओर से लोगों को मुफ्त अनाज (Free grain) देने का फैसला लिया गया है। सरकारी निर्देश के अनुसार बिहार खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने (Bihar Food Consumer Protection Department) गरीबों को 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज देने का फैसला किया है। लोगों को मई और जून दो महीने के लिए मिलने वाला यह अनाज मुफ्त दिया जाएगा। बिहार खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी। सचिव ने ये भी बताया कि बिहार में 6 मई से गरीबों को फ्री अनाज (राशन) 'ration' मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार (central government) की इस योजना को बीते वर्ष में भी कोरोना काल मे लागू किया गया था। योजना के ऐलान के साथ ही सरकार ने धान की तर्ज पर किसानों से गेहूं खरीदने का जो लक्ष्य तक किया गया, अब उस लक्ष्य को बढ़ा दिया गया है।
इसके साथ ही अब बिहार में 7 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदारी किसानों से की जाएगी। इस गेहूं खरीदारी को अब 31 मई तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जानकारी सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने दी। वंदना प्रेयसी ने बताया कि किसानों को अलग से निबंधन कराने की कोई जरूरत नहीं है। गेहूं की कीमत 1975 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ घोषित की गई है। वंदना प्रेयसी ने कहा कि गेहूं की खरीदारी रोहतास, बेगूसराय, समस्तीपुर, औरंगाबाद जिलों में केंद्रित की जाएगी। वंदना प्रेयसी के अनुसार 140 करोड़ रुपये पैक्स को आवंटित किए गए हैं।
सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि किसान किसी भी पैक्स में अपना गेहूं बेच सकेंगे। इसके लिये पोर्टेबिलिटी प्रणाली भी लागू की गई है। बिहार में अबतक साढ़े चार हजार मिट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की जा चुकी है। पूरे बिहार में 3000 से ज्यादा पैक्स गेहूं की खरीदारी करने के लिए लगाए गए हैं। इसके लिए अब तक 760 किसानों ने निबंधन करा लिया है। बीते 24 घंटे में 214 किसानों ने गेहूं बेचने में अपनी रुचि जताई है। सरकार के सामने आने से बाजार में भी गेहूं का मूल्य ऊपर चढ़ गया है।
सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी के मुताबिक बाजार में गेहूं का मूल्य 1800 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। वहीं किसानों को दलहन की खरीदारी का भी फायदा मिल रहा है। चना व मसूर का बाजार मूल्य नहीं गिरने देने का लक्ष्य विभाग की ओर से तय किया गया है। 15 मई तक दलहन की अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। यदि आवश्यकता पड़ी तो इसे और बढ़ाया जाएगा।
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