कोरोना वायरस की दवा कहकर पिलाता था शराब, किशोरियों के साथ करता था दुष्कर्म

मुजफ्फरनगर से 30 किलोमीटर दूर शुक्रताल स्थित एक आश्रम का संचालक ढोंगी बाबा वहां रहने वाले बच्चों को 'कोरोना की दवा' के नाम पर शराब पिलाकर उनके साथ दुष्कर्म करता था। बाबा और उसके साथी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस आश्रम में 7 से 18 साल तक के ये बच्चे सालों से आश्रम में रहते हैं। उनके गरीब माता-पिता ने अच्छी शिक्षा-दीक्षा की आस में उन्हें आश्रम भेजा है लेकिन यहां बच्चों की जिंदगी नरक जैसी बन गई। बच्चे त्रिपुरा और मिजोरम के हैं।
मना करने पर करते थे पिटाई
मिजोरम के एक 10 साल के बच्चे ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को दिए अपने बयान में बताया कि रात को आश्रम का मैनेजर उन्हें 'कोरोना की दवाई' कहकर शराब पीने को मजबूर करता था, पॉर्न दिखाता था और उनका यौनशोषण करता था। अगर वे मना करते थे तो उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी।
बाबा और साथी गिरफ्तार
बच्चे जिसे 'महाराज' बता रहे हैं, वह कथित संत बाबा भक्ति भूषण गोविंद महाराज है जो अपने साथी मोहन दास के साथ मिलकर आश्रम चलाता है। दोनों को पास्को ऐक्ट और दुष्कर्म के लिए आईपीसी की धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। आश्रम जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत रजिस्टर्ड भी नहीं है।
ऐसे हुआ नरकलोक का भंडाफोड़
पूरा मामला तब बाहर आया जब आश्रम में रहने वाले हरिओम नाम के एक शख्स ने एक बच्चे से बात की, वह काफी डरा हुआ था। जब यह बात महाराज को पता चली कि मैं बच्चों से उनके डर की वजह जानने की कोशिश कर रहा हूं तो उन्होंने मुझे आश्रम से निकाल दिया।' इसके बाद हरिओम ने चाइल्डलाइन को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी।
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