साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजेंगे पीएम मोदी, आज करेंगे वर्चुअल संवाद

साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजेंगे पीएम मोदी, आज करेंगे वर्चुअल संवाद
X
कोरोना महामारी के दौर में साइकिल पर बैठाकर अपने बीमार पिता को बिहार में अपने गांव लेकर लौटने वाली ज्योति कुमारी साइकिल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी हैं। इसके लिए अब ज्योति कुमारी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्योति दरभंगा जिले में सिरहुल्ली गांव की निवासी हैं।

कोरोना महामारी के दौर में हरियाणा के गुरुग्राम से एक साहसी बेटी अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर बिहार में अपने गांव पहुंची थी। इस बेटी का नाम ज्योति कुमारी है और वह अब देश और दुनिया में साइकिल गर्ल के नाम से जानी-पहचानी यानि कि प्रख्यात हो चुकी है। ज्योति कुमारी बिहार के दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव की निवासी है। इस साहसिक कार्य के लिए अब पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से ज्योति कुमारी को सम्मानित किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार आज नरेंद्र पीएम मोदी ज्योति कुमार (साइकिल गर्ल) के साथ वीडियो कॉफेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे। दरभंगा जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने पुष्टि करते हुए बताया कि आज पीएम नरेंद्र मोदी और ज्योति कुमारी के बीच वर्चुअल संवाद होगा। डीएम का कहना है कि जिसको लेकर प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां कर ली गईं है। ज्योति कुमारी के पिता ने भी कहा कि आज उनकी बेटी से पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअल संवाद के जरिए बात करेंगे। पिता का कहना है कि उनकी बेटी के साहसिक कार्य के लिए पीएम मोदी उसके साहस की सराहना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ज्योति कुमारी के लिए जिलाधिकारी की ओर से वाहन भेजा जाएगा, जिसमें सवार होकर उनकी बेटी दरभंगा जाएगी।

साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से नवाजी जाने वाली हैं। इस बात को सुनकर ज्योति की गांव सिरहुल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे मिथिलांचल में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस बात को सुनकर ज्योति के गांव और घर में उत्सव जैसा माहौल है। वहीं ज्योति कुमारी को देखकर तो ऐसा लगता है कि उसके पंख लग गए हों और हवाओं से बात कर रही हो। ज्योति की मां और पिता समेत परिवार के सभी लोग गदगद हैं।

ज्योति का कहना है कि उसने सच्ची निष्ठा भक्ति से अपने बीमार पिता की सेवा की है व पिता का जीवन बचाने के लिए उसने पिता को साइकिल पर बैठाकर घर पहुंचने का फैसला लिया। ज्योति ने कहा कि उसे उसी सच्ची सेवा और निष्ठा का पुरस्कार मिलने जा रहा है। वहीं ज्योति कुमारी ने कहा कि हर बच्चे को अपने माता-पिता (परिजनों) की सच्ची निष्ठा से सेवा करनी चाहिए।

Tags

Next Story