10 दिनों से शव का नहीं हो पा रहा अंतिम संस्कार, पुलिस और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बीच यह हैं रार

बिहार (Bihar) के मुंगेर में मृतक के परिजन उसके शव को अस्पताल में छोड़कर चले गए। जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। अस्पताल मैनेजमेंट (Hospital managment) और पुलिस (Police) के बीच आपसी लड़ाई में शव 10 दिन से रखा हुआ है। इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक की तरफ से एसपी को लेटर भेजकर शव के अंतिम संस्कार कराने की आग्रह किया जा चुका है। पुलिस ने शव को लावारिश न होने की बात कही है। जिसके बाद से ही अंतिम संस्कार को लेकर पेंच फंस गया है।
जानकारी के अनुसार, खगड़िया (Khagaria) के रहने वाले फुलेश्वर यादव के बेटे पारस यादव (61 वर्षीय) को 27 अप्रैल 2022 को उपचार के लिए सदर हॉस्पिटल (Sadar Hospital) में एडमिट कराया गया। उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें एक मई को मृत घोषित कर दिया। पारस यादव की उपचार के दौरान हुई मौत के बाद परिजन शव लिए बगैर ही चले गए। बताया गया है कि एक मई से शव अस्पताल में ही रखा हुआ है। अब न परिजन ही शव को लेने आ रहे हैं, और न ही पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम उठाए जा रहे है।
परिजनों की तरफ से पारस यादव के शव को अस्पताल(Hospital) में छोड़े जाने के बाद से ही अस्पताल के उपाधीक्षक ने थाना प्रभारी को पत्र भेजकर उसके शव का अंतिम संस्कार (Funeral) कराने की बात कही। जिसमें पुलिस से कहा गया कि पारस यदव (Paras Yadav) के शव का अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था की जाए। बताया गया है कि पुलिस ने शव को लावारिश (Laavaarish) नहीं माना है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव लावारिश नहीं है। उसके परिजनों ने मृतक को हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। पुलिस और प्रशासन के बीच मामला फंसने के बाद से ही शव अस्पताल में रखा हुआ है।
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