गुंजन पटेल व उनके साथियों की रिहाई की मांग तेज करें, बीपीएससी ने दिया जल्द मामले के निपटारे का भरोसा : कांग्रेस

बिहार युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल के ट्विटरर अकांउट से शुक्रवार को ट्वीट कर बताया गया कि गुंजन पटेल, उनके साथियों और युवा अभ्यर्थियों का संघर्ष रंग ला रहा है। बताया गया कि बिहार लोक सेवा आयोग पटना ने मामले का जल्द निष्पादन कर जल्द ही रिजल्ट घोषित करने का भरोसा दिया है। वहीं युवा कांग्रेस की ओर से जेल में कैद बिहार युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुजन पटेल, उनके साथियों और अन्य छात्रों की रिहाई के लिये अभियान तेज करने की अपील की गई है।
अन्याय के खिलाफ जंग जारी है और रहेगी: अमरीश पाण्डेय
युवा कांग्रेस नेता अमरीश पाण्डेय ने शुक्रवार को ट्वीट कर गुजंन पटेल और उनके साथियों की रिहाई की मांग एक बार फिर से दोहराई है। साथ ही उन्होंने लिखा कि जब जब जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से, चप्पा चप्पा गूंज उठेगा इंक़लाब के नारों से। साथ ही उन्होंने अन्याय के खिलाफ जंग लड़ रहे बिहार के युवा कांग्रेसी गुंजन पटेल और मुकुल यादव, बिट्टू यादव, राजा राजेश, विशाल कुमार, रौशन कुमार और उनके तमाम साथियों को सलाम किया। साथ ही युवा कांग्रेस नेता अमरीश पाण्डेय ने भरोसा दिया कि अन्याय के खिलाफ जंग जारी है और आगे भी रहेगी। वहीं अमरीश पाण्डेय ने गुंजन पटेल को रिहा करने की मांग की।
बीपीएससी ने मामले में जल्द आगे की कार्रवाई का दिया भरोसा
बीपीएससी की जानकारी के अनुसार, फरवरी 2017 में आयोग ने अभियन्ता (असैनिक) के पद के लिये सुयोग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। इसको लेकर सितंबर 2018 में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई। आयोग ने प्रश्नों के आदर्श उत्तर प्रकाशित कर अभ्यर्थियों से आपत्ति भी मांगी गई। इसके बाद आयोग द्वारा जनवरी 2019 में प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम भी घोषित किया गया। याद रहे प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों की 27 मार्च 2019 से 31 मार्च 2019 के बीच लिखित परीक्षा भी संपन हो गई। इसके बाद परीक्षा में असफल उम्मीदवारों ने पटना हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया गया। जिसमें परीक्षा के चार प्रश्नों के उत्तर पर प्रश्नचिन्ह् लगाया गया। इसके बाद अदालत द्वारा उक्त चार प्रश्नों के उत्तर पुनजांच के लिये एक अलग से विशेष समित गठन करने का निर्देश दिया गया। हाईकोर्ट ने उक्त निर्णय पर आयोग की पूर्ण पीठ के सम्यक विचारोपरांत लिये गये निर्णय के आलोक में आयोग द्वारा मई 2019 को अपील वाद दायर कर दिया गया। प्रश्नगत वाद सम्प्रति हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आयोग की ओर से वाद के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्रवाई की गई है। वाद के निस्तारण के पश्चात आयोग ने अविलंब आगे की कार्रवाई करने की बात कही है।
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