सूबे में इतने चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के पेपर्स मिले फर्जी, विभाग ने FIR दर्ज कराने का दिया आदेश

बिहार (Bihar) में इन दिनों 94 हजार सीटों के लिए प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन की प्रक्रिया (Elementary teacher recruitment process) चल रही है। छठे फेज की शिक्षक बहाली में सूबे में भारी संख्या में फर्जीवाड़ा के केस (forgery cases) सामने आए हैं। फर्जीवाड़ों की वजह से शिक्षा विभाग (Education Department) ने 632 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर (FIR against candidates) कराने का आदेश जारी किया है। बिहार के तमाम 38 जिलों में चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड हैं। पोर्टल पर अपलोड होते ही फर्जी प्रमाण पत्र (fake certificate) पकड़ में आ गए हैं।
बिहार में नालंदा जिले में 63 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। वहीं सारण में 23, बक्सर में 121, नवादा में 42, बेगूसराय में 19 चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी मिले हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ सरकार (Bihar Government) कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है। जांच में जिन अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी मिले हैं, ऐसे कैंडिडेट्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिक्षा विभाग के अनुसार बिहार में तमाम 38 जिलों में चयनित कैंडिडेट्स के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। इन सर्टिफिकेटस में से करीब 64 प्रतिशत कैंडिडेट्स के सर्टिफिकेट की जांच पूर्ण हो चुकी है। वहीं बाकी सर्टिफिकेट की अभी जांच की जानी है। जांच के दौरान अभी और भी सर्टिफिकेट फर्जी निकलने का शक है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग की तरफ से चयनित कैंडिडेट्स के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। जिसके तहत प्रमाण पत्रों की जांच उन स्थानों पर कराई जा रही है। जिस संस्थानों से ये प्रमाण पत्र निर्गत हुए हैं। शिक्षा विभाग ने साफ कहा कि जिन चयनित शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी मिल रहे हैं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही है। वहीं पेपर्स की जांच से जुड़ा नियोजन इकाई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
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