तेजस्वी लोगों के हुजूम के बीच धन बांटकर कोरोना को थामने के प्रयासों को कर रहे विफल

बिहार वर्तमान में कोरोना और बाढ़ से बूरी तरह जूझ रहा है। सूबे में विधानसभा चुनाव की भी आहाट है। जिसको लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार बाढ़ पीड़ितों के बीच पैसा बांटकर अपनी छवि बनाने के प्रयास में जुटे हैं। पर वे बाढ़ पीड़ितों की मदद तो कर रहे हैं, लेकिन अंजाने में सूबे में कोरोना महामारी को भी तेजी से पैर पसारने में मदद कर रहे हैं। कोरोना के दौर में जहां भी तेजस्वी यादव धन बांटते नजर आते हैं, वहीं पैसा लेने वाले लोगों का हुजूम सा उमड़ जाता है। वहां मौजूद लोगों की भीड़ कोरोना को लेकर सूबे में लगे लॉकडाउन एवं केंद्र सरकार की कोरोना बचाव संबंधी गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आती हैं।
ये ही नहीं जहां तेजस्वी यादव धन बांटते हैं वहां लोग इतने उतावले होते हैं कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करते हैं। और तो और लोग मास्क का भी इस्तेमाल करते हुए नजर नहीं आते हैं। और यह सब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक तेजस्वी यादव के सामने होता है। ऐसे में यदि उस भीड़ में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हुआ तो वहां मौजूद कई अन्य लोग भी कोरोना महामारी की चपेट में आ जायेंगे। इसके अलावा उन्हें ये भी नहीं मालूम होगा कि वे बीमार हैं। अंजाने में वह बीमार व्यक्ति अपने परिवार और करीबी लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। अगर सरकार और शासन - प्रशासन ने सूबे में चल रही ऐसी गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया तो कोरोना महामारी थमने की जगह और विस्फोटक हो सकती है। तेजस्वी यादव ने शनिवार को अपने बाढ़ दौरे से जुड़ी कुछ तस्वीरें ट्वीट के माध्यम से साझा की हैं। जिनसे ये अव्यवस्थायें निकलकर सामने आयी हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट के माध्यम से शनिवार को कहा कि सीएम 137 दिनों से घर से बाहर नहीं निकले हैं। जलसंसाधन और आपदा मंत्री भी लापता हैं। सब घर में बैठे ज़ुबानी तीर चला रहे हैं। इनकी अव्यवस्था के चलते लोग महामारी से मर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि जनता त्राहिमाम कर रही है। लेकिन ये हुक्मरान चैन की नींद सो रहे है? पता नहीं इनमें झूठ बोलने और सोने की हिम्मत कहां से आती है?
तेजस्वी यादव ने अन्य ट्वीट में कहा कि बिहार में 14 जिलों के लाखों बाढ़ प्रभावित लोग कोरोना महामारी के बीच भूखे-प्यासे बारिश और धूप के बीच बांधों पर, सड़क पर और खुले आसमां के नीचे रह रहे हैं। कहीं कोई सुविधा और राहत नहीं। बाढ़ इस 15 वर्षीय सुशासनी सरकार के लिए भ्रष्टाचार रूपी दुधारू गाय बन चुकी है।
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