बिहार में चुनाव हों और लालू यादव उससे दूर रहें, ऐसा हो नहीं सकता

चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद बिहार विधानसभा का चुनावी रणनिति झारखंड से तय करेंगे। उनका राजधानी रांची के अस्पताल रिम्स में इलाज चल रहा है। चुनाव करीब आता देख अस्पताल में रोजाना भीड़ भी लग रही है। इसके अलावा विपक्षी महागठबंधन की कवायद में लगे अन्य दलों के नेता भी उनसे मुलाकात कर रहे हैं। पूर्व में लालू यादव से मिलने-जुलने पर लगी सख्ती नई सत्ता में वापस हो गई है। हाल ही में कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने जेल प्रशासन की अनुमति के बगैर लालू प्रसाद से मुलाकात की जिससे विवाद भी सामने आया था।
बिहार में जदयू-भाजपा गठबंधन के खिलाफ लालू प्रसाद मोर्चाबंदी करना चाहते हैं। फिलहाल गठबंधन का खाका तैयार करने को लेकर दलों के अपने दावे हैं पर लालू का निर्णय सर्वोपरि होगा। जल्द ही उन बड़े नेताओं के यहां आने का सिलसिला शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कई नेताओं ने मुलाकात के लिए संपर्क किया है।
राजद प्रमुख के निर्देशानुसार नेताओं को बारी-बारी से अनुमति दी जाएगी। लालू जेल में सजा काटते हुए इलाज कराने के लिए रिम्स में भर्ती हैं जहां वर्तमान में उनसे किसी को मिलने-जुलने की अनुमति नहीं है। इसके पूर्व सप्ताह में एक बार शनिवार को लोग मिल सकते थे। राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया है।
रांची के रिम्स में फिलहाल लोग आसानी से लालू यादव से मिल ले रहे हैं। यहीं से चुनावी रणनीति भी बन रही है। राजद नेताओं के अलावा कांग्रेस के कई नेता उनसे संपर्क में हैं व उनके कहे अनुसार बिहार में अपनी भूमिका निभाने के लिए झारखंड से रवाना होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि लालू यादव बिहार में जदयू और भाजपा को घेरने के लिए नेताओं को टिप्स देकर रवाना करेंगे।
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