पटना में बिगड़े हालात, कोविड जांच कराने वाला हर पांचवां शख्स मिल रहा कोरोना पॉजिटिव

बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में कोरोना वायरस (Corona Virus) से हालात डराने वाले हो गए हैं। जानकारी के अनुसार पटना में कोविड 19 (Covid 19) जांच कराने वाले प्रत्येक पांच में एक शख्स कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) पाया जा रहा है। यह कोरोना वायरस लोगों की बढ़ती गतिविधियों और लापरवाही की वजह से फैल रहा है। विशेष तौर पर अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार (Speed of corona infection) काफी तेज रही। पटना में कराए जा रहे कोरोना जांच सर्वेक्षण (Corona investigation survey) में ये खास बातें निकलकर सामने आई हैं। इस सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि ग्रामीण इलाकों में अब भी कोरोना वायरस के प्रसार की रफ्तार शहर की तुलना में काफी कम है। पटना जिले में रोजाना औसतन 15 हजार लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। इसमें औसतन तीन हजार लोग रोजाना कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।
पटना में कोरोना वायरस की रफ्तार अप्रैल के दूसरे हफ्ते से काफी तेज हो गई, जो अभी भी लगातार जारी है। कोरोना के नोडल अधिकारी प्रवीण कुंदन के बताए अनुसार पटना के सभी जांच केंद्रों पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स एवं प्राइवेट लैब में औसतन प्रतिदन 15 हजार लोगों की कोविड जांच कराई जा रही है। इसमें हर पांचवां शख्स कोरोना पॉजिटिव मिल रहा है।
16 लाख से अधिक सैंपल संकलित
जानकारी के मुताबिक पटना जिले में अब तक करीब 17 लाख लोगों का सैंपल कोविड जांच के लिए संग्रहित किया गया है। इसमें से करीब एक लाख 7 हजार लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें से करीब 89 हजार लोग अस्पतालों में इलाज करने के बाद ठीक हो चुके हैं। इस समय पटना जिले में 17 हजार 590 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। पटना जिले में रविवार तक कोरोना महामारी से 316 लोगों की मौत हो चुकी है।
रोजाना भर्ती के लिए आते हैं करीब 150 मरीज
पटना के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना करीब 150 मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। पर इस अनुपात में अस्पतालों में बेड मौजूद नहीं है। अस्पतालों में रोजाना 50 से 55 बेड ही मरीजों के ठीक होने के बाद खाली हो पा रहे हैं। इन हालातों में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने को लेकर जद्दोजहद करनी पड़ रही है। अप्रैल में जहां पटना कोरोना कंट्रोल रूम में करीब 100 फोन आते थे। अब यह संख्या बढ़कर 350 के आसपास पहुंच गई है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में तैनात मजिस्ट्रेट भी कोरोना मरीजों को भर्ती कराने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
कोरोना के 40 प्रतिशत आ रहे हैं गंभीर मामले
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार पटना जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि करीब 60 प्रतिशत लोगों में कोरोना का सामान्य संक्रमण है। पर सर्दी-खांसी, बुखार और ऑक्सीजन का लेवल कम होने की वजह से लोगों को दिक्कतें ज्यादा हो रही हैं। इस वजह से पटना के अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने को लेकर अफरातफरी मच जा रही है। कोरोना का सामान्य संक्रमण होने पर होम क्वॉरंटाइन में रहकर भी इलाज किया जा सकता है। वहीं करीब 40 फीसदी मामले मॉडरेट और गंभीर मिल रहे हैं।
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