दशरथ मांझी की दिलाई याद: गया में किसान ने खेतों से बारिश के जलभराव को रोकने के लिये खोद दी नहर, पहाड़ियों से नीचे पहुंचा दिया पानी

दशरथ मांझी की दिलाई याद: गया में किसान ने खेतों से बारिश के जलभराव को रोकने के लिये खोद दी नहर, पहाड़ियों से नीचे पहुंचा दिया पानी
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बिहार के गया में किसान ने एक बार फिर से दशरथ मांझी की याद ताजा कर दी है। उस किसान वो काम कर दिखाया है। जिस काम को शासन-प्रशासन द्वारा बहुत पहले ही कर दिया जाना चाहिये था। किसान ने अपने खेतों से बारिश के पानी को रोकने के लिये एक नहर खोद दी है व पास की पहाड़ियों के बीच से पानी को नीचे पहुंचा दिया है।

बिहार के गया जिले में एक किसान ने बिहार के 'माउंटेन मैन' के नाम से विख्यात दशरथ मांझी की याद एक बार फिर से ताजा कर दी हैं। बिहार के गया जिले के लहथुआ इलाके में कोठीलावा गांव का वाक्या है। यहां एक किसान ने अपने खेतों में से बारिश के पानी को पहाड़ियों से नीचे ले जाने के लिये एक नहर खोद डाली है। किसान लौंगी भुइयां को इस कारनामे को करने में करीब 30 साल लग गये हैं। अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बल पर किसान द्वारा खोदी गई इस नहर की लंबाई 3 किलोमीटर है। लौंगी भुइयां ने बताया कि इस नहर द्वारा उनके खेतों का पानी एक तालाब में पहुंचाया गया है।



आपको बता दें दशरथ मांझी ने भी पूर्व में गया के गहलौर में पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया था। उन्होंने यह कारनामा 22 वर्षों में 1960-1982 में पूर दिखाया था। जसके बाद दशरथ मांझी बिहार के 'माउंटेन मैन' के रूप में विख्यात हुये। बताया जाता है कि दशरथ मांझी बिहार के गया जिला के पास गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे। दशरथ मांझी ने सिर्फ एक हथौड़ा व छेनी लेकर अकेले के दम पर 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी व 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली थी। बताया जाता है उन्होंने यह कारनामा अपनी पत्नी के निधन के बाद करके दिखाया था। बताया जाता है दशरथ मांझी द्वारा जब इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा था। तो आप-पास के लोगों द्वारा उन्हें पागल तक बोला गया था। बाद में बिहार के 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी के कैरेक्टर को लेकर फिल्में भी बनी हैं।

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