बिहार में बाढ़ से हालत गंभीर, आठ जिलों के करीब चार लाख लोग प्रभावित

उधर, उत्तर बिहार के चंपारण, तिरहुत व मिथिलांचल के इलाकों में बाढ़-कटाव का संकट और गहरा गया। गंडक में रिकॉर्ड वाटर डिस्चार्ज के बाद गंडक दियारावर्ती इलाकों में बेकाबू होने लगी है। बागमती, बूढ़ी गंडक, लखनदेई, मनुषमारा के साथ साथ अधवारा समूह की नदियां भी तबाही मचा रही हैं। नए इलाकों में पानी पहुंचने का सिलसिला जारी है। उत्तर, पूर्वी बिहार के गंडक व कोसी प्रभावित क्षेत्रों के निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रदेश के आठ जिलों के 38 प्रखंडों की 217 पंचायतों की चार लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है।
सोमवार तक 32 प्रखंडों की 156 पंचायत बाढ़ से प्रभावित थी। लगातार हो रही भारी बारिश व नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए बचाव, राहत कार्य आपदा प्रबंधन विभाग व जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने मंगलवार को बताया कि कहा कि प्रभावित लोगों के लिए 46 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जहां पर अभी 36948 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं। साथ ही पांच राहत शिविर भी चला रहे हैं।
तटबंधों पर लगातार जारी है चौकसी
नेपाल में भारी वर्षा के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक बराज से रिकॉर्ड 4.20 लाख घनसेक व वीरपुर में कोसी बराज से 3.20 लाख घनसेक पानी छोड़ा गया है। इससे उत्तर व पूर्वी बिहार के गंडक, कोसी प्रभावित क्षेत्रों के निचले इलाके में बाढ़ से स्थिति गंभीर होती जा रही है। जानकारी के अनुसार जल संसाधन विभाग के इंजीनियर तटबंधों पर लगातार चौकसी बरत रहे हैं। जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल की सरकार ने गंगा का पानी निकालने के लिए फरक्का बांध के कुछ गेट खोल दिए हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी फरक्का में लाल निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। वैसे बिहार में बक्सर से कहलगांव तक गंगा अभी लाल निशान के नीचे बह रही है। फरक्का में गेट खोलने से गंगा का जलस्तर बिहार में और नीचे जाने का अनुमान है। आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि उत्तर बिहार के आठ जिलों की 190 पंचायतों के साढ़े तीन लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि उत्तर बिहार के आठ जिलों में 190 पंचायतों के 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
गोपालगंज में प्रशासन अलर्ट
गोपालगंज में पहले से ही बाढ़ प्रभावित तटबंध के अंदर और किनारे के करीब 40 गांवों के लोगों में दहशत है। गांवों में फिर बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। बाढ़ के मद्देनजर पूरा प्रशासन व बाढ़ नियंत्रण विभाग अलर्ट मोड पर है। तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है। तटवर्ती गांवों के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की जा रही है। बैकुंठपुर, मांझागढ़, सिधवलिया व कुचायकोट के तटवर्ती गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। मंगलवार सुबह बरौली के मठिया टोला के सामने छरकी बांध करीब 40 फीट में धंस गया। इससे सलेमपुर छरकी के टूटने का खतरा पैदा हो गया है।
तटबंध के अंदर बसे गांवों के लोगों में भय का माहौल
दूसरी ओर, कोसी बराज से भी लगातार पानी का डिस्चार्ज बढ़ने के बाद तटबंध के अंदर बसे गांवों में अफरातफरी मच गई। एक बार तो कोसी का डिस्चार्ज तीन लाख 48 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था। हालांकि उसके बाद उसमें कमी आने लगी। मंगलवार शाम 7 बजे तक कोसी का डिस्चार्ज बराज पर 2 लाख 92 हजार 420 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। इससे प्रशासन को थोड़ी राहत मिली है पर बाढ़ के हालत बेकाबू बताए जा रहे।
जुगाड़ की नांव से अस्पताल पहुंचाई गई गर्भवती महिला
सूबे बाढ़ इस तरह कहर बरपा रही है कि हर तरफ लोग बेहाल हैं। इस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें दरभंगा ज़िले के असराहा गांव की गर्भवती महिला रुकसाना ख़ातून को उनके परिवार के लोग एक जुगाड़ के नांव से अस्पताल ले जा रहे हैं ।
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