पूर्व राष्ट्रपति कलाम के सहयोगी रहे पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन, बचपन में माता-पिता पुकारते थे 'ऋषि'

पूर्व राष्ट्रपति कलाम के सहयोगी रहे पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन, बचपन में माता-पिता पुकारते थे ऋषि
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पूर्व राष्ट्रपति कलाम के सहयोगी और बेंगलुरु में रक्षा वैज्ञानिक रहे पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन हो गया। उन्होंने बिहार के दरभंगा स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

देश के प्रथम सुपरसोनिक लड़ाकू विमान 'तेजस' (Tejas) को तैयार करने में विेशेष भूमिका निभाने वाले पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा (Dr. Manas Bihari Verma) का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। बिहार के दरभंगा (Darbhanga) के लहेरियासराय स्थित आवास पर उन्‍होंने सोमवार की देर रात को अंतिम सांस ली। डीआरडीओ (DRDO) और बेंगलुरु (Bengaluru) में रक्षा वैज्ञानिक रहे डॉ. मानस बिहारी वर्मा पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम (Former president abdul kalam) के सहयोगी रहे थे।

बताया जा रहा है कि डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन सोमवार की रात करीब 11.45 बजे लहेरियासराय के केएम टैंक स्थित आवास पर हृदय गति रुकने की वजह से हो गया। डॉ. मानस बिहारी वर्मा के भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा की ओर से इसकी पुष्टि की गई। डॉ. मानस बिहारी वर्मा घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव के स्थिायी निवासी थे। इन दिनों में डॉ. मानस बिहारी वर्मा केएम टैंक मोहल्ले में किराए पर मकान लेकर रह रहे थे।

आपको बता दें डॉ. मानस बिहारी वर्मा डीआरडीओ, बेंगलुरु में रक्षा वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे डॉ. अब्दुल कलाम के सहयोगी भी रह चुके थे। देश के लिए लड़ाकू विमान 'तेजस' को तैयार करने में डॉ. मानस बिहारी वर्मा की अहम भूमिका रही थी। डॉ. मानस बिहारी वर्मा अविवाहित थे। डॉ. मानस बिहारी वर्मा के निधन की खबर मिलते ही केएम टैंक स्थित उनके आवास पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। डॉ. मानस बिहारी वर्मा का अंतिम संस्कार उनके जन्मस्थली बाऊर में होगा।

बचपन से ही डॉ. मानस बिहारी वर्मा की प्रवृत्तियां विचित्र थी। जिनको देखकर माता-पिता इनको 'ऋषि' कहकर पुकाने लगे थे। दरभंगा जिले के सुदूरवर्ती और करीब-करीब प्रति साल बाढ़ग्रस्त होने वाले घनश्यामपुर प्रखंड के छोटे से गांव बाऊर में पिता आनंद किशोर लाल दास व माता यशोदा देवी के घर 29 जुलाई 1943 को उनका जन्म हुआ था। डॉ. मानस बिहारी वर्मा की चार बहन और तीन भाई थे। प्रख्यात मैथिली साहित्यकार ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म के परिवार से होने की वजह से उन्‍हें पढ़ाई-लिखाई का उचित माहौल मिला।

डॉ. मानस बिहारी वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। हाईस्कूल तक की पढ़ाई उन्होंने जिला स्कूल चाईबासा, जिला स्कूल गया और जिला स्कूल मधेपुर से की। इसके बाद डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने पटना साइंस कॉलेज, बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज और सागर विश्वविद्यालय से उच्च और तकनीकी शिक्षा हासिल की।

बच्चों से था खास लगाव

डॉ. मानस बिहारी वर्मा को दर्जनों पुरस्कार से नवाजा जा चुका था। डॉ. मानस बिहारी वर्मा को डीआरडीओ के 'साइंटिस्ट ऑफ द इयर' और 'टेक्नोलॉजी लीडरशिप अवॉर्ड' से क्रमशः पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सम्‍मानित किया था। 2018 में डॉ. मानस बिहारी वर्मा को पद्मश्री सम्‍मान दिया गया था। डॉ. मानस बिहारी वर्मा रिटायरमेंट के बाद साल 2005 से अपने गांव बाऊर में रह रहे थे। वह अलग-अलग एनजीओ के माध्यम से बच्चों और शिक्षकों के बीच विज्ञान का प्रसार करने में लगे रहते थे।

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