नर्सों ने घायल दो युवकों की जान बचाने के लिए उतार दिया अपना दुपट्टा, जानें इनका सराहनीय कार्य

नर्सों ने घायल दो युवकों की जान बचाने के लिए उतार दिया अपना दुपट्टा, जानें इनका सराहनीय कार्य
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बिहार के गया जिले में नर्सों ने दुर्घटना का शिकार हुए दो भाइयों की मदद करके मानवता की मिसाल पेश कर दी है। नर्सों ने जख्मी युवकों का खून रोकने के लिए अपना दुपट्टा तक उतार कर बांध दिया। चारों ओर इस सराहनीय कार्य के लिए इन नर्सों की सराहना हो रही है।

कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच जहां रिश्ते-नातों के तार-तार होने की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं बिहार (Bihar) के गया (Gaya) जिला से इस कठिन समय में मानवता की मिसाल (Example of humanity) पेश करती हुई तस्वीर सामने आई है। गया से ऐसा उदाहरण सामने आया है जो ना केवल सभ्य समाज में मानवीय मूल्यों के जिंदा होने के सबूत देता है। बल्कि ऐसे लोगों को आईना दिखाती हैं जो कोरोना वायरस के दौर (Corona virus phase) में अपनों को भी पहचानने से इनकार कर देते हैं।

अधिकतर ये देखा जाता है कि सड़क हादसे (Road accident) में शिकार हुए लोग रोड पर पड़े रहते हैं। कोई-कोई ही उनकी मदद के लिए आगे आता है। जब उसकी जान बच पाती है। वहीं गया में नर्सों (nurses) ने जो कार्य करके दिखाया है, उसे जानने के बाद हर कोई उनकी सराहना कर रहा है। इन नर्सों ने ना सिर्फ अपने काम को साबित किया है, बल्कि बह रहे खून को रोकने के लिए अपना दुपट्टा (Nurses scarf) तक जख्मी युवकों के शरीर पर बांध दिया।

जानकारी के अनुसार गया जिले के परैया में गुरुवार शाम बाइक से जा रहे दो भाइयों एक कार ने सामने से टक्कर मार (Collision) दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि वो दोनों सड़क किनारे गिर गये। वहीं गंभीर स्थिति में खून से लथपथ होकर दर्द से तड़फने लगे। यह सड़क दुर्घटना (Gaya Road Accident) जिस वक्त हुई, उसी वक्त वहां से एएनएम (ANM) अनिता कुमारी, सुनीता कुमार, रंजना कुमारी, विभा कुमारी व डाटा ऑपरेटर प्रियंका कुमारी निकल रही थी। इन सभी नर्सों दर्द से तड़फते हुए युवकों को देखा तो खुद को रोक नहीं सकीं। एएनएम होने के नाते उन्होंने जान लिया कि यदि इनको जल्द प्राथमिक उपचार (first aid) नहीं मिला तो इनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।

लोग वीडियो बना रहे थे, वहीं नर्स कर रही थी इलाज

हादसे के वक्त इलाके में बारिश हो रही थी। हादसे को देखकर वहां पर कुछ ग्रामीण भी एकत्र हो गये थे। जहां पर ग्रामीण घायलों की फोटो और वीडियो बना रहे थे। वहीं एएनएम सेवा भावना से प्रेरित होकर दोनों घायलों युवकों को नर्सों ने अपनी गोद में उठाया। साथ ही युवकों के शरीर से बह रहे खून व दर्द को कम करने की कोशिश में लग गई। इन नर्सों पर जहां तक संभव हुआ दोनों घायल युवकों का प्राथमिक उपचार किया। जब इन नर्सों को घायलों के जख्मी अंगों को बांधने के लिए कुछ नहीं मिला तो उन्होंने अपने दुपट्टे का ही प्रयोग करते हुए उसे दुपट्टे से बांध दिया। बेहतर इलाज में देरी ना हो, इसके लिए इन्होंने स्थानीय अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन किया। साथ ही तुरंत एंबुलेंस की मदद भेजने की बात कही। इस पर तुरंत मौके पर एंबुलेंस और स्थानीय पुलिस कर्मी पहुंचे। एंबुलेंस की मदद से दोनों जख्मी युवकों को तुरुंत गया अस्पताल भेजा गया।

स्थानीय थाना अध्यक्ष फहीम आजाद खान ने मामले के संबंध में बताया कि दोनों जख्मी लोगों को तुरंत एएनएमसीएच भेजा गया। घायलों की पहचान गुरारू के कोरमथु के रहने वाले सुरेश राम के बेटे विपिन कुमार और रिशु कुमार के तौर पर की गई है। ये दोनों युवक मोटरसाइकिल से अपनी ससुराल गया जा रहे थे। एएनएम की निशानदेही पर टक्कर मारने वाले वाहन की तलाश पुलिस कर्मियों द्वारा की गई, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग सका।

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