पांच दिन का प्यार और सातवें दिन हुई शादी, बराती बनकर नाचे स्वास्थ्यकर्मी

बिहार (Bihar) में एक युवती अपनी बीमार मां का इलाज कराने के लिए अस्पताल (Hospital) जाती है। यहां उसकी मुलाकात एक स्वास्थ्यकर्मी से होती है। महज पांच दिन के प्यार में ही दोनों ने शादी के बधंन में बंधने का फैसला किया और सातवें दिन एक—दूजे के हो गए। यह शादी दोनों ही परिवार की रजामंदी से हुई और बगैर दान—दहेज के। जिसके बाद यह शादी चर्चा का विषय बन गई है। मंदिर में दोनों ने भगवान को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। दोनों बेहद खुश हैं।
प्रदेश के हाजीपुर के सदर अस्पताल में प्रीति सिंह अपनी मां के उपचार के लिए गई थी। उसकी मुलाकात अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी मनिंदर कुमार सिंह से मुलाकात हुई। कुछ ही पलों की मुलाकात में दोनों एक—दूसरे को दिल दे बैठे। स्वास्थ्यकर्मी भी इस कदम प्रेम में पागल हो गया कि उसने पांच दिन में ही अपनी प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुंचा दिया। दोनों के परिजनों के बीच बातचीत हुई। उसके बाद शहर के शहर के पतालेश्वर मंदिर में बगैर दहेज के परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए।
लड़की के पिता ने होने की वजह से मां के कंधों पर थी शादी की जिम्मेदारी
बताया गया है कि स्वास्थ्यकर्मी(Health worker) ने युवती के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। बताया गया है कि युवती के पिता नहीं हैं। लिहाजा स्वास्थ्यकर्मी से युवती ने मां से शादी का आदेश लेने की बात कही थी। स्वास्थ्यकर्मी ने उनकी मां के सामने बगैर दहेज के शादी करने का प्रस्ताव रखा। जिससे उसकी मां ने स्वीकार कर लिया। इनके बीच में पांच दिनों के प्यार में ही सातवें दिन दोनों शादी के बंधन में बंध गए। सादगी भरी शादी में दोनों ही तरफ से परिजन शामिल हुए। साथ ही अस्पताल में तैनात स्वाथ्यकर्मी भी बरात में शामिल हुए और जमकर डांस किया। मनिन्दर और प्रीति प्यार को पाकर काफी खुश हैं।
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