मेरे पति का कोई अपराध नहीं था, मैं दो बच्चों की मां हूं, डीएम साहब कैसे करूंगी लालन-पालन, जानें पूरा मामला

बिहार (Bihar) में पटना (Patna) जिले के मोरियावां गांव निवासी एक महिला की दर्द ए दास्तां (Woman's pain tale) सुनकर हर किसी का दिल पसीज जाएगा। क्योंकि बीते दिनों पटना पुलिस (Patna Police) और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसा के दौरान बिना किसी दोष के उसके पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद महिला पर दो मासूम बच्चों का लालन-पालन करने की जिम्मेदारी है।
महिला ने बताया है कि 22 अक्टूबर को उनका पुत्र खेलते वक्त चारपाई से गिर गया था। जिससे बच्चे के सिर में चोट लग गई थी। इस वजह से वह अपने अपने पति रोहित को साथ लेकर बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जा रही थे। वहीं रास्ते में पुलिस (Police) व गांव वालों के के बीच झड़प हो रही थी। मैंने अपने पति रोहित को भीड़ की ओर नहीं जाने दिया।
साथ ही हम दोनों भीड़ से बचते हुए दूसरे रास्ते से बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जा रहे थे। इस दौरान अचानक एक गोली मेरे पति रोहित को आकर लग गई। मेरे पति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मैं जब तक कुछ समझ पाती, उस वक्त तक मेरा सुहाग दुनिया को छोड़कर चला गया। धनरूआ ब्लॉक स्थित मोरियावां गांव के मृतक युवक रोहित कुमार की पत्नी रिंकी देवी इस दुखड़ा को सुनाते सुनाते पटना जिलाधिकारी के समक्ष फफक-फफक रोने भी लगी। महिला ने कहा कि उसका तो सबकुछ खत्म हो गया। उनके पति का कोई अपराध नहीं था। कहा मेरे दो मासूम बच्चे हैं, उन्हें किस तरह पालूंगी। महिला ने कहा कि डीएम साहब मेरे मासूम बच्चों का जीवन बचा लें। क्योंकि परिवार में कमाने वाले सिर्फ उसके पति ही थे। अब मेरे बच्चे भूखे मरने पर मजबूर हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह रविवार को पंचायत चुनाव की वोटिंग का निरीक्षण करने के लिए गए हुए थे। इसी क्रम में डीएम मोरियावां गांव के दौरे पर भी पहुंचे। मोरियावां में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पुलिस व गांव के लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी। इसी गोलीबारी में गोली लगने से रोहित की मौत हो गई थी। इस दौरान जिलाधिकारी पीड़ित परिवार से भी मिले। जिलाधिकारी के गांव आने की जानकारी मिलते ही वहां गांव के लोग जमा हो गए थे। जिलाधिकारी ने घटना के बारे में भी मृतक की पत्नी से पूछताछ की।
मृतक की पत्नी ने मांगी नौकरी
स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक की पत्नी के दो मासूम बच्चे हैं। रोहित बिजली मिस्त्री का कार्य करता था और अपने परिवार का लालन पालन किया करता था। राहित के पिता बुजुर्ग हैं। पूरे परिवार का जिम्मा रोहित के कंधों पर ही था। मृतक की मां ने जिलाधिकारी से हाथ जोड़कर विनती की है कि उसके पुत्र की जिसने जान ली है। उसकी पहचान करके उसे सजा दिलाई जाए। साथ ही सास ने अपनी बहू के लिए नौकरी मांगी है। वहीं पीड़ित परिवार को जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि केस में तफ्तीश जारी है। तफ्तीश की रिपोर्ट आने पर मामले में तुरंत एक्शन लिया जाएगा। डीएम ने बताया कि पीड़ित परिवार बहुत गरीब है, इस कारण राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से तुरंत 20 हजार रुपये मुहैया कराए गए हैं। पीड़ित परिवार को असंगठित श्रमिक योजना के जरिए एक लाख रुपये जल्द ही प्रदान किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि परिवार के आर्थिक हालात काफी दयनीय हैं। इस वजह से पूरे विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार के भरण-पोषण व मासूम बच्चों की शिक्षा के लिए समुचित इंतजाम कराएं। जब जिलाधिकारी गांव से निकलने लगे तो मौके पर जमा गांव के लोगों ने गोलीकांड के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की गुहार लगाई।
जांच कमेटी आज सौंपेगी पूरे मामले की रिपोर्ट
धनरुआ में पंचायत चुनाव होने की वजह से गोलीबारी के मामले की जांच कर रही कमेटी रविवार को जिलाधिकारी को रिपोर्ट नहीं सौंप सकी। जांच टीम ने मामले की हर कड़ी पर बारीकी से जांच-पड़ताल कर ली है। मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस घटना में प्रथम दृष्टया कुछ पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है। इस वजह से जांच कमेटी कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की अनुशंसा कर सकती है। आज मामले की जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई निर्धारित होगी।
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